बीसीसीएल में 309 करोड़ की खरीद में घपला, पूर्व सीएमडी टीके लाहिड़ी समेत 9 बड़े अफसरों पर एफआइआर दर्ज

धनबाद : जरूरत व मानकों की अनदेखी करते हुए बीसीसीएल में 100 टिपरों की खरीदारी के मामले में पूर्व सीएमडी टीके लाहिड़ी, डीटी अशोक सरकार व डीसी झा, पांच जीएम (सभी सेवानिवृत्त) और निजी कंपनी एलएंडटी के निदेशक के खिलाफ सीबीआइ ने एफआइआर दर्ज की है. शुक्रवार को धनबाद स्थित सीबीआइ की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 9, 2017 5:53 AM

धनबाद : जरूरत व मानकों की अनदेखी करते हुए बीसीसीएल में 100 टिपरों की खरीदारी के मामले में पूर्व सीएमडी टीके लाहिड़ी, डीटी अशोक सरकार व डीसी झा, पांच जीएम (सभी सेवानिवृत्त) और निजी कंपनी एलएंडटी के निदेशक के खिलाफ सीबीआइ ने एफआइआर दर्ज की है. शुक्रवार को धनबाद स्थित सीबीआइ की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा द्वारा दर्ज प्राथमिकी में कई अज्ञात भी शामिल हैं.

मानक व शर्तों का उल्लंघन करते हुए एलएंडटी से 3,09,57,89,416 करोड़ के 100 टिपर खरीदे गये. इस खरीदारी में बीसीसीएल को 97.04 करोड़ का नुकसान हुआ है. सीबीआइ की प्राथमिकी में एक्सकैवेशन के तत्कालीन तीन जीएम, महाप्रबंधक सामग्री प्रबंधन व वित्त भी बने अभियुक्त, एलएंडटी के निदेशक भी नामजद किये गये हैं.

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एफआइआर में बीसीसीएल के तत्कालीन जीएम एएन सहाय (एक्सकैवेशन), जीएम एसके पाणिग्रहि ( एक्सकैवेशन, कैपिटल), जीएम बिरायन सिन्हा ( एक्सकैवेशन, एचओडी), जीएम जी उप्रेती (मेटेरियल मैनेजमेंट, परचेज), जीएम एके गंगोपाध्याय (फाइनेंस) भी नामजद हैं. एलएंडटी समेत इन सरकारी सेवकों के खिलाफ 2012-13 में भारत सरकार के प्रतिष्ठान बीसीसीएल को ठगने तथा धोखा देने के मकसद से आपराधिक षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप है. आरोप है कि इन्होंने बेईमानी व धोखा देकर हेरफेर वाले इंडेंट को अनुशंसित व अनुमोदित कर दिया.

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सीबीआइ की ओर से दर्ज एफआइआर में आरोप है कि बीसीसीएल के तत्कालीन सीएमडी व दोनों डीटी, पांचों जीएम समेत अन्य अफसरों ने मिलकर निविदा तैयार करने, क्रय प्रस्ताव व क्रयादेश देने में गड़बड़ी की. बिना किसी ठोस वजह को बताये डंपर की जगह टिपर खरीदारी की गयी. इसके लिए निविदा शर्तों में हेरफेर कर निजी कंपनी एलएंडटी को फायदा पहुंचाया गया. इस कंपनी के पक्ष में निविदा में उसके अनुकूल मानक व शर्तें जोड़ी गयी.

कंपनी के नौ एरिया से पूर्व में डंपर और बाद में डंपर की जगह टिपर की जरूरत दर्शानेवाले इंडेंट मंगाये गयेे. सभी कोलियरी क्षेत्रों में कार्यरत डंपर को क्यों हटाया (सर्वे ऑफ) जा रहा है, इसका उल्लेख तक नहीं किया गया. सीएमपीडीआइएल के दिशानिर्देशों तक की अनदेखी की गयी. शर्तों व मानकों में किये गये बदलाव की जानकारी तक सीएमपीडीआइएल को नहीं दी गयी.

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सीएमपीडीआइएल, सीआइएल की सभी अनुषंगी कंपनियों के लिए परामर्शदाता प्रतिष्ठान है. बीसीसीएल में जरूरत डंपर की थी. कंपनी की खदान व रोड के मानकों पर डंपर खरा उतरता रहा है. इसकी जगह 100 टिपर की खरीद की गयी. बताया जाता है कि खरीदे गये 100 में से अधिकांश टिपरों का उपयोग नहीं हो पा रहा है.

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