झरिया की बेटी चीन में सीखेगी चित्रकारी

झरिया. मंजिल उनको मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है. पंख से कुछ नहीं होता, हौसले से उड़ान होती है. ये पक्तियां झरिया की बेटी समीक्षा (24) पर फिट बैठती हैं. समीक्षा चित्रकारी का अध्ययन करने 15 सितंबर को चीन रवाना होगी. विश्व भारती शांति निकेतन से वर्ष 2017 में फाइन आर्ट में द्वितीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 14, 2017 10:17 AM
झरिया. मंजिल उनको मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है. पंख से कुछ नहीं होता, हौसले से उड़ान होती है. ये पक्तियां झरिया की बेटी समीक्षा (24) पर फिट बैठती हैं. समीक्षा चित्रकारी का अध्ययन करने 15 सितंबर को चीन रवाना होगी. विश्व भारती शांति निकेतन से वर्ष 2017 में फाइन आर्ट में द्वितीय स्थान प्राप्त किया.

उसके बाद चाइना गवर्नर्मेंट स्कॉलरशिप प्रतियोगिता में वर्ष 2017 में चयनित हुई. समीक्षा को प्रतिमाह 32 हजार रुपये स्कॉलरशिप प्राप्त होगा, जिससे चित्रकारी में वह चार वर्षों तक अध्ययन करेगी. समीक्षा साहित्यकार कृपाशंकर प्रसाद की भतीजी व घनुडीह परियोजना के अभियंता अनिल कुमार की पुत्री है, जिनका निवास स्थान बोर्रागढ़ सुरेंद्र कॉलोनी में है. समीक्षा ने इस सफलता का श्रेय अपने बड़े पापा साहित्यकार कृपाशंकर प्रसाद को दिया.

उनकी प्रेरणा से उसने शांति निकेतन में वर्ष 2011 में फाइन आर्ट की पढ़ाई शुरू की. कहा कि लक्ष्य पक्का, इरादा मजबूत तो कड़ी मेहनत से मंतव्य व गंतव्य को पाया जा सकता है. समीक्षा ने बताया कि उसने डीएवी अलकुशा डीएवी स्कूल से मैट्रिक व राजकमल धनबाद से इंटर किया. फाइन आर्ट के लिए शांति निकेतन में सात वर्षों तक अध्ययन किया. कहा कि वर्ष 2016 में एशिया स्तरीय चित्रकारी विनाले में भारतीय प्रतिनिधि मंडल में शामिल हुई थी. जबकि इसी वर्ष कोलकाता में आयोजित चित्र प्रदर्शनी में प्रतिनिधि मंडल के रूप में शामिल हुई.

भारत सरकार द्वारा आयोजित यंग आर्टिस्ट नेशनल स्कॉलरशिव व चाइना गर्वमेंट स्कॉलरशिप प्रतियोगिता वर्ष 2017 में भाग लिया. उसका सलेक्शन दोनों प्रतियोगिताओं में हुआ. अंत में उसने चीन जाने का फैसला किया. समीक्षा ने कहा कि वह तीन बहनों में मांझिल है. बड़ी बहन ऋचा कुमारी दिल्ली में अभियंता और छोटी बहन कोमल कुमारी इलहाबाद में बीएड कर रही है.

चीन जाने का उद्देश्य : कहा कि चीन व भारत की संस्कृति दुनिया की प्राचीनतम संस्कृतियों में एक है. दोनों में गहरा संबंध है. चित्र के माध्यम से दोनों संस्कृतियों को स्थापित करने का प्रयास करूंगी.

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