सेवानिवृत्त न्यायाधीश होते हैं समिति के अध्यक्ष

धनबाद: झारखंड के तकनीकी शिक्षण संस्थान, प्रबंधन संस्थान और डिप्लोमा स्तरीय संस्थानों का शुल्क निर्धारण सत्र 2012-13 के बाद से नहीं हुआ है. झारखंड में 12 इंजीनियरिंग कॉलेज, 13 प्रबंधन संस्थान और नौ डिप्लोमा स्तरीय संस्थानों में यह स्थिति है. विज्ञान प्रावैधिकी विभाग के सूत्र बताते हैं कि सरकार ने अब तक समिति के अध्यक्ष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 10, 2014 9:39 AM

धनबाद: झारखंड के तकनीकी शिक्षण संस्थान, प्रबंधन संस्थान और डिप्लोमा स्तरीय संस्थानों का शुल्क निर्धारण सत्र 2012-13 के बाद से नहीं हुआ है. झारखंड में 12 इंजीनियरिंग कॉलेज, 13 प्रबंधन संस्थान और नौ डिप्लोमा स्तरीय संस्थानों में यह स्थिति है.

विज्ञान प्रावैधिकी विभाग के सूत्र बताते हैं कि सरकार ने अब तक समिति के अध्यक्ष का नाम ही तय नहीं किया है. समिति बनने के बाद ही अगले तीन वर्षो तक की फीस तय होगी.

समिति करती है शुल्क निर्धारण : बगैर अनुदान के चल रहे निजी शिक्षण संस्थानों वर्ष अधिकतम शुल्क का निर्धारण समिति करती है.शिक्षण शुल्क, डेवलपमेंट फीस और वन टाइम शुल्क की अधिकतम सीमा तय की जाती है. किसी संस्थान के लिए शुल्क में पुनरीक्षण करने का अधिकार भी समिति को होता है.

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