पेट्रोल पंपों में प्रदूषण जांच केंद्र पर एससी का निर्देश
धनबाद. पेट्रोल पंपों में प्रदूषण जांच केंद्र बनाने के प्रस्ताव के खिलाफ झारखंड पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सुप्रीम कोर्ट ने एसोसिएशन की रिट पर सुनवाई करते हुए झारखंड सरकार को एसोसिएशन के स्मार पत्र को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया है. सोमवार को बरटांड़ पेट्रोल पंप […]
धनबाद. पेट्रोल पंपों में प्रदूषण जांच केंद्र बनाने के प्रस्ताव के खिलाफ झारखंड पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सुप्रीम कोर्ट ने एसोसिएशन की रिट पर सुनवाई करते हुए झारखंड सरकार को एसोसिएशन के स्मार पत्र को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया है. सोमवार को बरटांड़ पेट्रोल पंप में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह व महासचिव शरत दुदानी ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि प्रदूषण जांच केंद्र के हमलोग विरोधी नहीं हैं.
लेकिन सरकार ने जो फरमान जारी किया है, उसका हमलोग विरोध करते हैं. सरकार ने 30 सितंबर तक प्रदूषण जांच केंद्र खोलने की डेड लाइन जारी की है. 30 सितंबर तक जांच केंद्र नहीं खोलने पर लाइसेंस निरस्त करने की चेतावनी दी है. सरकार के फैसले के बाद एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल 15 सितंबर को ट्रांसपोर्ट कमिश्नर से मिला. लेकिन उन्होंने भी पहल नहीं की. लिहाजा उच्चतम न्यायालय की शरण में जाना पड़ा. प्रेस कांफ्रेंस में कोलफील्ड पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के महासचिव संजीव राणा, कमल सिंह, कालिका साव आदि थे.
सरकार पहल नहीं करती है तो फिर जायेंगे सुप्रीम कोर्ट : एसोसिएशन अध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के डायरेक्शन पर सरकार पहल नहीं करेगी तो पुन: उच्चतम न्यायालय जायेंगे. जांच केंद्र स्थापित करने में दस लाख का निवेश है.
इसके लिए लगभग तीन से चार माह लगता है. जिले में ग्रीन व्यू, महिंद्र सर्विस, किंग्स पेट्रोल व गोल्डेन पेट्रोल पंप में प्रदूषण जांच केंद्र है, लेकिन ग्राहक नहीं आते हैं.
प्रदूषण जांच केंद्र में आयेगी समस्या: प्रदूषण जांच केंद्र लगाने में समस्या आयेगी. कुछ पेट्रोल पंप के पास जमीन नहीं है. ऐसे में जांच केंद्र स्थापित करना टेढ़ी खीर होगी. सुरक्षा का मापदंड सहित कई समस्याएं हैं. स्मार पत्र के आधार पर सरकार को आगे निर्णय लेना है.