हार्डकोक उद्योग के साथ सरकार का सौतेला व्यवहार : बीएन सिंह
धनबाद: इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन की 84वीं आम सभा सोमवार को इंडस्ट्रीज भवन में हुई. इसमें इंडस्ट्रीज की दशा व दिशा पर मंथन किया गया. एसोसिएशन के अध्यक्ष बीएन सिंह ने कहा कि हार्ड कोक उद्योग बुनियादी ढांचे के विकास में सार्थक भूमिका निभाता है. उद्योग राज्य के लिए भी महत्वपूर्ण है और निजी क्षेत्र […]
धनबाद: इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन की 84वीं आम सभा सोमवार को इंडस्ट्रीज भवन में हुई. इसमें इंडस्ट्रीज की दशा व दिशा पर मंथन किया गया.
एसोसिएशन के अध्यक्ष बीएन सिंह ने कहा कि हार्ड कोक उद्योग बुनियादी ढांचे के विकास में सार्थक भूमिका निभाता है. उद्योग राज्य के लिए भी महत्वपूर्ण है और निजी क्षेत्र के एक बड़े नियोक्ता के रूप में लाखों परिवारों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध कराता है. यह विडंबना ही है कि कोयला की राजधानी में स्थित होते हुए भी उद्योग को कोयला की कमी का दंश झेलना पड़ता है. सरकार व कोयला कंपनी, दोनों ही हार्ड कोक उद्योग के साथ सौतेला व्यवहार कर रही हैं.
हार्डकोक उद्योग, जो आयात का विकल्प तैयार कर देश की मदद करता है, उसके लिए कोयला वितरण नीति गले का फंदा बन गयी है. इस उद्योग को प्राथमिकता मिलनी चाहिए और कोयला के आवंटन में प्रमुखता दी जानी चाहिए. उपाध्यक्ष रतन लाल अग्रवाल ने स्वागत भाषण व वरीय उपाध्यक्ष एसके सिन्हा ने दिया. बीएन सिंह ने कहा कि अब कोयला कंपनी लिंकेज की भी नीलामी करने जा रही है, जो लघु उद्योग इकाइयों को बुरी तरह प्रभावित करेगी. जो राजनीतिक दल विपक्ष में रह कर हार्डकोक इंडस्ट्रीज की वकालत कर रहे थे, आज वे सत्ता में आकर उद्योग की अहित करनेवाली नीतियों को लागू कर रहे हैं. लिंकेज की नीलामी असंवैधानिक व अतर्कसंगत है और उच्चतम न्यायालय के फैसले का उल्लंघन है.
समस्या बढ़ा रहीं आउटसोर्सिंग कंपनियां
वक्ताओं ने कहा कि कोयला कंपनी की मनमाने ढंग से कीमतों को बढ़ाने की प्रक्रिया उद्योग को बहुत नुकसान पहुंचा रही है. इस वर्ष विभिन्न तरीकों से दो बार कोयला का मूल्य बढ़ाया गया. सेलेक्टिव लोडिंग चार्ज को 127 से बढ़ा कर 270 रुपये कर दिया गया. उत्पादन बढ़ाने के लिए आउटसोर्सिंग का सहारा लेकर हमारी समस्याओं को और बढ़ाया जा रहा है. आउटसोर्सिंग कंपनियां अवैज्ञानिक तरीके से उत्खनन कर इस बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन का गलत तरीके से दोहन कर रही हैं. कोयला की अवैध तस्करी एवं अवैध उत्खनन बाजार को अस्थिर कर रही है.
लोडिंग प्वाइंट की रंगदारी में सभी पार्टियां हैं शामिल
वक्ताओं ने कहा कि जब तक कोल रेगुलेटरी ऑथोरिटी नहीं बन जाती है, कोयला वितरण एवं ग्रेड निर्धारण कोल कंट्रोलर की देखरेख में होना चाहिए. इससे पारदर्शिता आयेगी एवं उद्यमी भी संतुष्ट होंगे. लोडिंग प्वाइंट पर लोडिंग के नाम पर स्थानीय दबंग और नेताओं के गुर्गे रंगदारी देने को बाध्य करते हैं. इसमें सभी पार्टियां शामिल हैं. प्रशासन को कई बार लिखा गया है. कोयला कंपनी को भी अवगत कराया गया, लेकिन कोई परिणाम नहीं आया.
ये थे उपस्थित
केदारनाथ मित्तल, शंभु अग्रवाल, कैलाश अग्रवाल, सज्जन खरकिया, बीपी डालमिया, गजानंद अग्रवाल, शैलेश दुदानी, अजय अग्रवाल, वीरेंद्र कुमार सिन्हा, अनिल सांवरिया, योगेंद्र तुलस्यान, दीपाली भुवानिया, राकेश गुटगुटिया, वाइएन नरूला, हरिप्रकाश लाटा, वरिष्ठ पत्रकार इंद्रजीत सिंह, शैलेंद्र सिंह, वरिष्ठ पत्रकार बनखंडी मिश्र, नवीन डालमिया, पद्म गुटगुटिया, डॉ केएन मित्तल, राजेश रिटोलिया आदि.