जीएसटी से टूट गया सर्राफा कारोबार

धनबाद: जीएसटी के कारण आभूषण बाजार टूट गया. लगभग पचास फीसदी बिक्री में गिरावट आयी है. पचास हजार से अधिक के आभूषण की खरीद पर केवाइसी की अनिवार्यता से ग्राहक के साथ कारोबारी भी परेशान हैं. यह सब जानते हैं कि सोना व रियल एस्टेट में ब्लैक मनी खपाया जाता था. सरकार की ऑन लाइन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 6, 2017 1:08 PM
धनबाद: जीएसटी के कारण आभूषण बाजार टूट गया. लगभग पचास फीसदी बिक्री में गिरावट आयी है. पचास हजार से अधिक के आभूषण की खरीद पर केवाइसी की अनिवार्यता से ग्राहक के साथ कारोबारी भी परेशान हैं. यह सब जानते हैं कि सोना व रियल एस्टेट में ब्लैक मनी खपाया जाता था. सरकार की ऑन लाइन व्यवस्था के आगे काला कारोबार में लगभग ब्रेक लग गया है. धनतेरस को लेकर दो माह पहले लोग बुकिंग कराते थे. पहले कच्चा में काम होता था लेकिन अब व्यवस्था बदल गयी है. इनकम टैक्स व सेल्स टैक्स के चक्कर में न तो कारोबारी फंसना चाहते हैं और न ही ग्राहक. लिहाजा सर्राफा का कारोबार दिनों दिन गिर रहा है.
केवाइसी नहीं लेने पर जुर्माना व जेल : पहले से ही दो लाख आभूषण की खरीद पर पेन कार्ड अनिवार्य है. जीएसटी आने के बाद पचास हजार से अधिक का सोना खरीदने पर केवाइसी को अनिवार्य कर दिया गया है. कच्चे कारोबार को रोकने के लिए सरकार ने नयी व्यवस्था लागू की है. अगर पचास हजार की बिक्री पर कारोबारी केवाइसी नहीं लेते हैं तो उनपर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉउंड्री एक्ट (पीएमएलए) के तहत पेनाल्टी व जेल का प्रावधान है.
रियल एस्टेट व सोना में निवेश होता था कालाधन : पहले रियल एस्टेट व सोना में कालाधन का निवेश होता था. सरकार की ऑन लाइन व्यवस्था से कारोबार पर ग्रहण लग गया. खरीद से लेकर बिक्री तक पर सरकार की नजर है. अगर कारोबारी को इनपुट क्रेडिट टैक्स का लाभ लेना है तो उन्हें पेन एंड पेपर पर काम करना होगा. यही नहीं सरकार भी खरीद व बिक्री पर नजर रख रही है.
आभूषण में बढ़ गया है तीन प्रतिशत टैक्स
वैट में आभूषण पर एक प्रतिशत टैक्स था. जीएसटी में तीन प्रतिशत टैक्स है. इसके अलावा दो लाख पर पेन व पचास हजार पर आधार कार्ड देना अनिवार्य है. पुराने सोने पर भी जीएसटी है. एडवांस पेमेंट पर भी जीएसटी है.

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