कोल इंडिया और 10 का दिलचस्प संयोग

धनबाद: दसवीं जेबीसीसीआइ की दसवीं बैठक दसवें महीने की दस तारीख को दिल्ली में होगी. बैठक के परिणाम को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है. कोलियरी की चाय दुकानों, हाजिरी घर, पिट आदि जगहों पर झुंड के झुंड कोल कर्मी इस बैठक के परिणाम को लेकर चर्चा करते देखे जा सकते हैं. कोई कहता है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 6, 2017 1:12 PM
धनबाद: दसवीं जेबीसीसीआइ की दसवीं बैठक दसवें महीने की दस तारीख को दिल्ली में होगी. बैठक के परिणाम को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है. कोलियरी की चाय दुकानों, हाजिरी घर, पिट आदि जगहों पर झुंड के झुंड कोल कर्मी इस बैठक के परिणाम को लेकर चर्चा करते देखे जा सकते हैं. कोई कहता है समझौता हो जायेगा, कोई कहता नहीं होगा. इस बारे में पूछने पर मजदूरों का एक बड़ा वर्ग कहता है, देखिए 10 को क्या होता है. वहीं दूसरी ओर एचएमएस बनाम तीन यूनियन के बीच चले बयानों के तीर के बाद अब एकता के स्वर फिर से उभरने लगे हैं.
दूसरी ओर इंटक अपने आंदोलनात्मक कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जी तोड़ परिश्रम कर रही है. करें भी क्यों न ये यह उसके अस्तित्व का सवाल जो ठहरा. समझौता संपन्न होने के बाद फिर इंटक का जलवा समाप्त होने के कगार पर जा पहुंचेगा, ऐसा एक बड़े यूनियन नेता का कहना है.
मामला यूनियनों में विवाद का : 19 अगस्त को एपेक्स जेसीसी के मिनट्स पर साइन करने को लेकर विवाद हो गया.

एचएमएस नेता नत्थूलाल पांडे ने मिनट्स पर साइन नहीं किया. बाद में कहा की आश्रितों को नियोजन नहीं देने, स्टेगर्ड रेस्ट के विरोध में साइन नहीं किया. इस बयान के बाद बीएमएस, सीटू और एटक कोल वर्करों के निशाने पर आ गयी. एटक अध्यक्ष रमेंद्र कुमार ने मोर्चा संभालते हुए नत्थूलाल पांडेय पर करारा वार किया. रमेंद्र कुमार ने कहा कि श्री पांडेय ने पहले सहमति जतायी, फिर साइन नहीं किया, क्योंकि उनका कुछ निजी एजेंडा है जो प्रबंधन पूरा नहीं कर रहा है. इसके बाद बीएमएस के डॉ बीके राय ने इंटक, एचएमएस को हड़ताल करने की चुनौती दे डाली. इस बीच इंटक ने 9 अक्तूबर को सभी कंपनी मुख्यालयों के समक्ष प्रदर्शन, 16 अक्टूबर से सप्ताहव्यापी वर्क टू रूल, 31 अक्टूबर से 2 नवम्बर तक डिस्पैच ठप एवं 6 से 8 नवंबर तक का हड़ताल का ऐलान कर दिया. इंटक की हड़ताल की तारीख पर भी सवाल उठे. इस बीच कोल इंडिया में 9 अक्टूबर को वेज ड्राफ्ट कमेटी एवं आश्रितों के नियोजन पर गठित समिति की बैठक एवं 10 अक्टूबर को जेबीसीसीआइ की दसवीं बैठक की सूचना जारी कर दी गयी.

सवाल इंटक का : समझौता संपन्न होने के बाद यह मिथक टूट जायेगा कि बगैर इंटक समझौता नहीं हो सकता. समझौता होने एवं एरियर भुगतान के बाद इंटक द्वारा आहूत हड़ताल की सफलता भी संदेह के घेरे में है. सूत्र बताते हैं कि जेबीसीसीआइ से बाहर चल रही इंटक नहीं चाहती कि समझौता संपन्न हो पाये. अगर समझौता लटक जाता है तो इंटक को कहने का मौका मिलेगा कि बगैर इंटक समझौता संभव नहीं, क्योंकि अन्य को जानकारी ही नहीं कि वेतन समझौता कैसे करवाया जाता है. बहरहाल इंतजार 10 अक्टूबर का है.
सीटू नेता डीडी ने किया डैमेज कंट्रोल
एचएमएस बनाम तीन यूनियनों में वाकयुद्ध के बीच सीटू नेता डीडी रामानंदन ने एंट्री ली. उन्होंने बयान जारी कर कहा कि 19 तारीख को एपेक्स जेसीसी की मीटिंग के मिनट्स पर बीएमएस, एटक और सीटू ने साइन किया. क्योंकि मिनट्स में कहीं लिखा हुआ नहीं है कि आश्रितों को नौकरी नहीं मिलेगी. अगर ड्राफ्ट कमेटी की बैठक में प्रबंधन कोई ऐसा प्रस्ताव लाता है तो बीएमएस, एटक, सीटू साइन नही करेगी. यह सरकार की नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का समय है, तभी हम कुछ हासिल कर सकते हैं. इसके बाद नत्थूलाल पांडेय का बयान आया कि मजदूरों के हितों के लिए उन्हें कोई भी कुर्बानी मंजूर है. वैसे एचएमएस ने अपने फेडरेशन की बैठक 9 अक्टूबर को दिल्ली में बुलायी है. वह सभी ड्राफ्ट कमेटी एवं जेबीसीसीआइ की बैठक में शरीक होगी.

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