कॉलेजों में मजाक बनी पढ़ाई

धनबादः राज्य मानवाधिकार आयोग ने धनबाद के दो कॉलेज एसएसएलएनटी महिला कॉलेज व पीके राय कॉलेज में शिक्षकों के अभाव में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ पर संज्ञान लेते हुए विभावि से जवाब तलब किया है. विभावि ने भी मामले में दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर जांच शुरू कर दी है. पत्र दोनों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 17, 2014 4:36 AM

धनबादः राज्य मानवाधिकार आयोग ने धनबाद के दो कॉलेज एसएसएलएनटी महिला कॉलेज व पीके राय कॉलेज में शिक्षकों के अभाव में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ पर संज्ञान लेते हुए विभावि से जवाब तलब किया है. विभावि ने भी मामले में दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर जांच शुरू कर दी है. पत्र दोनों कॉलेजों को भी प्राप्त हो चुका है. यह कार्यवाही धनबाद के एक अधिवक्ता आरपी चौधरी की पहल पर हुई है. श्री चौधरी इंडियन एसोसिएशन फॉर प्रमोशन ऑफ ह्यूमन राइट एंड सोशल जस्टिस के अध्यक्ष हैं. मामला आयोग में केस नंबर – 117 / 14 के तहत दर्ज है.

क्या है मामला : आरटीआइ के आधार पर जुटाये गये साक्ष्य के आलोक में छह फरवरी 2014 को राज्य मानवाधिकार आयोग को श्री चौधरी ने शिकायत की उक्त दोनों कॉलेज में शिक्षकों के अभाव में पढ़ाई के नाम पर स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. बताया गया है कि एसएसएलएनटी महिला कॉलेज में लगभग बारह हजार छात्रओं की पढ़ाई 37 टीचर्स के सहारे हो रही है.

कई विभाग तो बिना शिक्षक के चल रहे हैं. जबकि नियम छात्र-शिक्षक अनुपात 30:1 का है. एसएसएलएनटी में इंटर से लेकर डिग्री के अलावा एक विषय में पीजी की भी पढ़ाई होती है. यही स्थिति पीके राय कॉलेज की भी है. यहां इंटर व डिग्री के अलावा 13 विषयों में पीजी की पढ़ाई होती है. 11 हजार स्टूडेंट्स पर मात्र 35 शिक्षक हैं. दोनों कॉलेजों में पढ़ाई मजाक बन कर रह गयी है. इस बात की चिंता न कॉलेज को है न ही विभावि को. अगर जांच हो तो लगभग तमाम अंगीभूत कॉलेजों की कमोबेश यही स्थिति सामने आयेगी.

जांच कमेटी में कौन कौन : डीएसडब्ल्यूसी डॉ मंजुला सांगा तथा प्रो नवीन कुमार राणा ने दोनों कॉलेजों से भी जवाब मांगा था.

क्या कहना है कॉलेजों का : पीके राय कॉलेज के प्रवक्ता डॉ एसकेएल दास ने बताया कि उनके कॉलेज से जवाब भेज दिया गया है, जबकि एसएसएलएनटी महिला कॉलेज से भी शीघ्र भेजे जाने की बात कही गयी है.

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