दो माह बाद स्वच्छता सर्वेक्षण व कचरा प्रबंधन की व्यवस्था तक नहीं
धनबाद: 2018 में होनेवाले स्वच्छता सर्वेक्षण की उलटी गिनती शुरू हो गयी है. चार जनवरी 2018 से सर्वेक्षण शुरू होगा. इस बार इसमें एक लाख से कम जनसंख्या वाले 4041 शहरों को शामिल किया गया है. सर्वेक्षण में कचरा प्रबंधन व सिटीजन फीडबैक पर विशेष फोकस किया गया है. शहरी विकास मंत्रालय की गाइड लाइन […]
धनबाद: 2018 में होनेवाले स्वच्छता सर्वेक्षण की उलटी गिनती शुरू हो गयी है. चार जनवरी 2018 से सर्वेक्षण शुरू होगा. इस बार इसमें एक लाख से कम जनसंख्या वाले 4041 शहरों को शामिल किया गया है. सर्वेक्षण में कचरा प्रबंधन व सिटीजन फीडबैक पर विशेष फोकस किया गया है. शहरी विकास मंत्रालय की गाइड लाइन पर धनबाद नगर निगम ने सर्वेक्षण की तैयारी शुरू कर दी है.
जानकारों का मानना है कि कचरा प्रबंधन में धनबाद नगर निगम फंस सकता है. सर्वेक्षण में मात्र दो माह बचे हैं और अब तक ठोस कचरा प्रबंधन (सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट) का टेंडर फाइनल नहीं हुआ. स्टैंडिंग कमेटी ने रैमकी की रेट को खारिज कर दिया है. मुख्यालय स्तर पर आगे इस पर निर्णय होना है. जो स्थिति है, उसमें दो माह में एग्रीमेंट होना काफी मुश्किल है.
2017 में 500 शहरों में हुआ था सर्वेक्षण : 2017 में पांच सौ शहरों के बीच स्वच्छता सर्वेक्षण हुआ था. एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को शामिल किया गया था. इस बार एक लाख से नीचे वाले यूएलबी को भी शामिल किया गया है.
हर बिंदु को ध्यान में रख कर की जा रही है तैयारी : इस संबंध में धनबाद नगर निगम के नगर आयुक्त मनोज कुमार ने कहा कि शहरी विकास मंत्रालय की गाइड लाइन आ चुकी है. इसके आधार पर काम शुरू कर दिया गया है. हर बिंदु को ध्यान में रख तैयारी की जा रही है. ताकि कोई परेशानी न हो. गारबेज प्रोसेसिंग व डिस्पोजल पर विशेष फोकस किया जा रहा है. डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन पर 25 प्रतिशत, डॉक्यूमेंटेशन पर 35 प्रतिशत व सिटीजन फीडबैक पर 40 प्रतिशत अंक निर्धारित हैं.