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धनबाद में हो रही थी तत्काल टिकट की कालाबाजारी, एसडीएम के जाल में फंसे चार दलाल

धनबाद : एसडीएम अनन्य मित्तल के बिछाये जाल में बुधवार को चार रेल टिकट दलाल फंस गये. उन्हें आरपीएफ के हवाले कर दिया गया. ये टिकट दलाल धनबाद रेलवे स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर और आस-पास सक्रिय रहते हैं. इनकी संख्या दर्जनों में है. ये टिकट दलाल तत्काल टिकट दिलाने के एवज में तीन से चार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 2, 2017 8:48 AM
धनबाद : एसडीएम अनन्य मित्तल के बिछाये जाल में बुधवार को चार रेल टिकट दलाल फंस गये. उन्हें आरपीएफ के हवाले कर दिया गया. ये टिकट दलाल धनबाद रेलवे स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर और आस-पास सक्रिय रहते हैं. इनकी संख्या दर्जनों में है. ये टिकट दलाल तत्काल टिकट दिलाने के एवज में तीन से चार सौ रुपये अधिक लेते हैं.
अभियान में खुद थे एसडीएम: एसडीएम ने बताया कि पिछले चार-पांच दिनों से रेल टिकट दलाली की शिकायत मिल रही थी. कुछ लोगों ने बताया कि आरक्षण काउंटर पर टिकट दलाल के अलावा दूसरा कोई व्यक्ति तत्काल टिकट ले ही नहीं पाता है. बुधवार को इन दलालों पर अंकुश लगाने की सोची. मैं अपने साथ पंकज कुमार व दो अन्य कर्मचारी को सादे लिबास में लेकर आरक्षण काउंटर पहुंचा. वहां पर एक टिकट दलाल मिला. उसने मेरे आदमी से पूर्वा एक्सप्रेस से दिल्ली के टिकट के लिए रुपये लिये और कहा कि थोड़ी देर में टिकट दे देता हूं. इस दौरान मैं आरक्षण कार्यालय में टिकट दलालों की गतिविधियां देखता रहा. इस दौरान धैया निवासी मनोज कुमार के पुत्र सूर्य प्रकाश भी मिले और उसने भी एक टिकट दलाल, जिसका नाम निजाम बताया गया, को दिल्ली के टिकट के लिए रुपये दिये. अब मेरे पास एक नहीं दो-दो लोग मिल गये थे. लेकिन टिकट दलाल एक ही सामने आ रहा था. तब तक मैंने जीआरपी के डीएसपी विनोद कुमार महतो को सुरक्षा बल लाने को कहा. थोड़ी देर में वह भी सादे लिबास में दल-बल के साथ मौके पर आ गये.

हम लोग उसके बाद बाहर चले गये. थोड़ी देर बाद निजाम अपने अन्य तीन साथियों के साथ रिजर्वेशन ऑफिस के पीछे आइओडब्ल्यू कार्यालय के पास टिकट लेकर पहुंचा. उनकी नजर जब सादे लिबास में खड़े पुलिस जवानों पर पड़ी तो सभी भागने लगे. लेकिन जवानों ने उन चारों को दौड़ा कर पकड़ लिया. पकड़े गये युवकों के पास से पूर्वा के टिकट, शक्तिपुंज एक्सप्रेस से धनबाद से डाल्टेनगंज और डालटेनगंज से धनबाद का एक एक टिकट, कई आरक्षण फार्म व कुछ राशि मिली. सभी को आरपीएफ के हवाले कर दिया गया.

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