धनबाद नगर निगम: इ-म्यूनिसिपल्टी प्रोजेक्ट में धांधली, एक करोड़ के सामान 4.94 करोड़ भुगतान
रांची: धनबाद नगर निगम में इ-म्यूनिसिपल्टी प्रोजेक्ट के काम में भारी धांधली का मामला सामने आया है. एक करोड़ के उपकरणों के बदले निगम ने 4.94 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है. शिकायत मिलने के बाद नगर विकास विभाग ने मामले की जांच करायी. इसके बाद नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने मामले की […]
रांची: धनबाद नगर निगम में इ-म्यूनिसिपल्टी प्रोजेक्ट के काम में भारी धांधली का मामला सामने आया है. एक करोड़ के उपकरणों के बदले निगम ने 4.94 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है. शिकायत मिलने के बाद नगर विकास विभाग ने मामले की जांच करायी. इसके बाद नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने मामले की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) से कराने का निर्देश दिया है. साथ ही कंपनी ब्योमटेक लिमिटेड को काली सूची में डालते हुए पूरी राशि वसूलने का आदेश दिया है.
अब तक काम नहीं किया गया पूरा : जेएनएनयूआरएम के तहत धनबाद नगर निगम को इ-गवर्नेंस के लिए पायलट प्रोजेक्ट (इ-म्यूनिसिपल्टी प्रोजेक्ट ) के रूप में चुना गया था. पूरे कार्यालय को पेपर लेस बनाना था. सारे काम अॉनलाइन किये जाने थे. आम लोग घर बैठे ही जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र हासिल कर सकते थे. इसके लिए नगर विकास विभाग ने निविदा निकाली थी.
पिछले साल 14 मार्च को इस परियोजना का काम ब्योमटेक लिमिटेड को 18.88 करोड़ में दिया गया. काम 31 अक्तूबर 2016 तक पूरा करना था. पर अब तक काम पूरा नहीं हो सका है. कंपनी को एग्रीमेंट की शर्त्तों के अनुरूप कुल राशि का 10 फीसदी भुगतान किया जाना था. पर कंपनी को धनबाद नगर निगम ने 4.81 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया. जांच के दौरान विभिन्न सामग्री की कंपनी की ओर से दी गयी दर और उसके बाजार मूल्य की तुलना की गयी, जिसमें भारी अंतर पाया गया. यानी एक करोड़ की सामग्री के लिए कंपनी ने अधिक दर दिखा कर चार करोड़ का भुगतान ले लिया. कई उपकरणों का भुगतान तो आपूर्ति के बिना ही कर दिया गया. शिकायतों के आधार पर नगर विकास विभाग ने तीन अक्तूबर को जांच दल गठित किया. जांच दल ने 14 अक्तूबर को अपनी रिपोर्ट सौंप दी. हालांकि इससे पहले 11 जुलाई को एकरारनामा की शर्त्तों को पूरा न करने के कारण कंपनी को डिबार कर दिया गया था.