डीसी रेल लाइन के विकल्प पर नहीं हो सका फैसला

धनबाद: धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन के विकल्प पर गुरुवार को नयी दिल्ली में हुई बैठक में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका. रेल लाइन शिफ्टिंग को लेकर राइट्स की रिपोर्ट पर अब रेलवे बोर्ड निर्णय लेगा. साथ ही बीसीसीएल से कुसुंडा से कतरास के बीच रेल ट्रैक के नीचे भूमिगत आग में फंसे कोयला को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 24, 2017 10:30 AM
धनबाद: धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन के विकल्प पर गुरुवार को नयी दिल्ली में हुई बैठक में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका. रेल लाइन शिफ्टिंग को लेकर राइट्स की रिपोर्ट पर अब रेलवे बोर्ड निर्णय लेगा. साथ ही बीसीसीएल से कुसुंडा से कतरास के बीच रेल ट्रैक के नीचे भूमिगत आग में फंसे कोयला को निकालने के मामले में प्लान मांगा गया है.

आज कोयला मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुधांशु की अध्यक्षता में हुई बैठक में बीसीसीएल के डीटी देवेल गंगोपाध्याय, जेआरडीए के आरएंडआर सह एडीएम (विधि-व्यवस्था) राकेश दुबे, मुख्य प्रबंधक सुनील दलेला के अलावा राइट्स एवं रेलवे के अधिकारी मौजूद थे. पहले इस बैठक में कोयला-सह-रेल मंत्री पीयूष गोयल खुद रहने वाले थे. आज की बैठक में डीसी लाइन की शिफ्टिंग पर शाॅर्ट टर्म एवं लांग टर्म प्लान पर चर्चा हुई. लांग टर्म के तहत धनबाद से टुंडू के बीच नयी रेल लाइन बिछाने का प्रस्ताव है. जबकि शाॅर्ट टर्म के तहत निचितपुर से टुंडू के बीच रेल लाइन बिछाने का प्रस्ताव राइट्स ने दिया है.

रेलवे ने राज्य सरकार से किया पत्राचार : बैठक में मौजूद रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले पर कोई भी फैसला रेलवे बोर्ड ही ले सकता है. बताया गया कि रेलवे द्वारा राज्य सरकार एवं जेआरडीए से पत्राचार भी किया गया है. रेलवे ने पूछा है कि लांग टर्म शिफ्टिंग में 32 सौ करोड़ रुपया खर्च होना है. जबकि शॉर्ट टर्म के तहत लगभग 540 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. इसमें राज्य सरकार कितना राशि वहन करेगी. बैठक में बीसीसीएल से कोयला निकालने के लिए एक्शन प्लान मांगा गया. पूछा गया कि कुसुंडा से कतरास के बीच जहां रेल लाइन के नीचे तथा आस-पास कोयला है. उसे निकाल कर कब तक आग पूरी तरह बुझा दी जायेगी. कंपनी से जल्द जवाब मांगा गया है.

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