टीके लाहिड़ी, डीसी झा, आरके सिन्हा समेत 16 के खिलाफ एफआइआर दर्ज
धनबाद : बीसीसीएल में माइनिंग कार्य के लिए दो रोड हेडर मशीनों की खरीदारी में कंपनी को 11 करोड़ 60 लाख का चूना लगाया गया. कंपनी के लिए दोनों मशीनें पूरी तरह अनुपयोगी थीं. बावजूद इसके मशीनों की खरीद की गयी. दोनों मशीनें दो-चार माह भी काम नहीं कर सकी. इस मामले में धनबाद स्थित […]
धनबाद : बीसीसीएल में माइनिंग कार्य के लिए दो रोड हेडर मशीनों की खरीदारी में कंपनी को 11 करोड़ 60 लाख का चूना लगाया गया. कंपनी के लिए दोनों मशीनें पूरी तरह अनुपयोगी थीं.
बावजूद इसके मशीनों की खरीद की गयी. दोनों मशीनें दो-चार माह भी काम नहीं कर सकी. इस मामले में धनबाद स्थित सीबीआइ की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा की ओर से बीसीसीएल के पूर्व सीएमडी टीके लाहिड़ी, पूर्व डीटी (ऑपरेशन) डीसी झा, ईसीएल के पूर्व सीएमडी आरके सिन्हा समेत 16 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.
मशीन की आपूर्ति करने वाली चीन की कंपनी मेसर्स जियामुसी कोल माइनिंग मशीनरी कंपनी लिमिटेड (बीजिंग) और उसके भारतीय एजेंट को भी नामजद किया गया है. वर्ष 2009 से 2016 के दौरान जब बीसीसीएल में 11 करोड़ 60 लाख रुपये के रोड हेडर मशीनों की खरीदारी हुई, तब नामदज कोयला अधिकारी बीसीसीएल में विभिन्न पदों पर पदस्थापित थे. बाद में बदलकर सीसीएल, सीएमपीडीआइल समेत अन्य कंपनियों में चले गये. प्राय: सभी सेवानिवृत हो चुके हैं. सीबीआइ ने आरसी 9(ए)-2017-डी धारा 120 बी, 420 भादवि, सेक्शन 13(2), आर-डब्ल्यू, 13 (1) ऑफ पीसी एक्ट 1998 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. आरोपियों पर आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी और बतौर लोक सेवक आपराधिक कृत्य करने का आरोप है.
इन पर दर्ज हुई है प्राथमिकी
सीबीआइ की ओर से दर्ज प्राथमिकी में 16 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है. इनमें 14 कोयला अधिकारी रहे हैं.
बीसीसीएल के पूर्व सीएमडी टीके लाहिड़ी, इसीएल के पूर्व सीएमडी आरके सिन्हा, बीसीसीएल के पूर्व डीटी (ऑपरेशन) डीसी झा, बीसीसीएल के पूर्व डायरेक्टर (फाइनेंस) ए साहा, सीसीएल के पूर्व सीजीएम (फाइनेंस) पीके चक्रवर्ती, बीसीसीएल के पूर्व सीजीएम (इएंंडएम) केके सिन्हा, पूर्व जीएम (इएंंडएम) आरके मुंशी, पूर्व जीएम (एमएम) एसए नारायण, तत्कालीन सीएम (एक्सावेसन) व वर्तमान में एमसीएल में सीएम (एक्सावेसन) चंद्रमोहन, बीसीसीएल के पूर्व जीएम (एमएम) जी उप्रीति, पूर्व जीएम (फाइनेंस) आलोक मंडल, (जीएम फाइनेंस), सीएमपीडीआइएल के पूर्व आरडी, आर-वन, आर-टू वीके सिन्हा, बीसीसीएल के डब्ल्यूजे एरिया के पूर्व जीएम व वर्तमान में कतरास एरिया के जीएम एके दत्ता, डब्ल्यूजे एरिया के पूर्व चीफ मैनेजर (इएंडएम) एसके सिंह के अलावा चीन की कंपनी मेसर्स जियामुसी कोल माइनिंग मशीनरी कंपनी लिमिटेड (बीजिंग) और उसके भारतीय एजेंट को भी नामजद किया गया है.
अनुपयोगी रहीं रोड हेडर मशीनें
पूर्व सीएमडी टीके लाहिड़ी, पूर्व डीटी (ऑपरेशन) डीसी झा समेत अभियुक्त बनाये गये अधिकारियों पर तय मानकों का उल्लंघन कर निजी लाभ के लिए आपूर्तिकर्ता के पक्ष में कंपनी को नुकसान पहुंचाने का आरोप है.
सीवीसी की जांच में इसका खुलासा हुआ. सीवीसी ने सीबीआइ निदेशक को पत्र भेजकर बीसीसीएल में रोड हेडर मशीनों की आपूर्ति में गड़बड़ी की जांच करने को कहा. इसी आलोक में सीबीआइ मुख्यालय के आदेश पर धनबाद एसीबी में 22 नवंबर को प्राथमिकी दर्ज की गयी है. मानक व निविदा में दर्शायी गयी विशेषताओं को ताक पर रखकर आपूर्ति की गयी. अधिकारियों की मिलीभगत से मशीन आपूर्ति करनेवाली चीन की कंपनी व उसके एजेंटों ने गड़बड़ी की है. वर्ष 2009 से 2016 के दौरान दोनों रोड हेडर मशीनों की आपूर्ति की गयी. आरोप है कि माइनिंग कार्य के लिए तकनीकी तौर पर उपयुक्त नहीं होने के बाद भी दोनों रोड हेडर मशीन स्वीकार की गयी. इससे 11 करोड़ 60 लाख का नुकसान हुआ.
80 प्रतिशत राशि का भुगतान कर दिया गया : बीसीसीएल को 1.6 मीटर की ऊंचाई वाली रोड हेडर मशीन की जरूरत थी. एनआइटी में दार्शायी गयी ऊंचाई दर से ज्यादा ऊंचाई की मशीन कंपनी को आपूर्ति की गयी. आपूर्ति करनेवाली चीन की कंपनी ने झूठी निरीक्षण रिपोर्ट जमा करा दी. इस कारण दोनों रोड हेडर मशीनों को डब्ल्यूजे एरिया मुनीडीह ने स्वीकार नहीं किया.
आरोपित अधिकारियों ने इसे स्वीकार कर लिया और 80 प्रतिशत राशि का भुगतान आपूर्तिकर्ता चीन की कंपनी को कर दिया गया. अधिकारियों ने अवैध रूप से अनुपयोगी मशीनों के दुबारा उपयोग का औचित्य सिद्ध करने की कोशिश की. अधिकारियों ने मिलीभगत व लाभ के चलते ही आपूर्तिकर्ता चीन की कंपनी व उसके भारतीय एजेंट के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई की अनुशंसा नहीं की. एक रोड हेडर मशीन की आरएचएम वर्ष 2015 के नवंबर माह में ही टूट गया. दूसरी मशीन ने वर्ष 2016 के तीन मार्च को काम करना बंद कर दिया.