डेंजर जोन में दोहरा मापदंड, डीसी लाइन बंद और हो रहा है सीएचपी का संचालन
कतरास: गोविंदपुर साइडिंग में पिछले दो माह से छिटपुट तरीके से एक बीसीसीएल और एक प्राइवेट कंपनी का सीएचपी चल रहा है. जिस साउथ गोविंदपुर में आग लगने का हवाला देकर रिपोर्ट के आधार पर पीएमओ कार्यालय से रेलवे लाइन को बंद किया गया, उसी अग्नि-प्रभावित डेंजर जोन में कैसे सीएचपी को चलाया जा रहा […]
कतरास: गोविंदपुर साइडिंग में पिछले दो माह से छिटपुट तरीके से एक बीसीसीएल और एक प्राइवेट कंपनी का सीएचपी चल रहा है. जिस साउथ गोविंदपुर में आग लगने का हवाला देकर रिपोर्ट के आधार पर पीएमओ कार्यालय से रेलवे लाइन को बंद किया गया, उसी अग्नि-प्रभावित डेंजर जोन में कैसे सीएचपी को चलाया जा रहा है. सोनारडीह हॉल्ट से महज हाफ किमी की दूरी पर स्थित दोनों सीएचपी से कोयला क्रशर होकर बेनीडीह लिंक साइडिंग भेजा जा रहा है.
अप्रैल में हुआ था उदघाटन : पांच अप्रैल 2017 को काफी तामझाम के साथ प्राइवेट कंपनी के सीएचपी का उद्घाटन बीसीसीएल के डीटी डी गंगोपाध्याय ने किया था. करीब एक माह से इस सीएचपी से कोयले का क्रशर हुआ. इसके बाद 15 जून से डीसी रेल लाइन बंद होने के उपरांत सीएचपी को भी बंद कर दिया गया. करीब पांच करोड़ की लागत से इस सीएचपी का निर्माण किया गया था. उस समय कई लोगों ने डेंजर जोन में सीएचपी के निर्माण पर आपत्ति जतायी थी. इस सीएचपी से एक लाख टन का भी कोयले क्रशर नहीं किया गया है.
डेंजर जोन में है सीएचपी
साउथ गोविंदपुर का इलाका आग-गैस से प्रभावित है. कंपनी इसे डेंजर जोन के रूप में घोषित कर चुकी है. बीसीसीएल के अपना सीएचपी के अगल-बगल कई बार भू-धंसान की घटना घट चुकी है. सीएचपी पूरी तरह से खतरे में है. बावजूद इसी सीएचपी से कंपनी पुन: काम शुरू कर कोयले को बेनीडीह साइडिंग व टुंडू हॉल्ट में डंप करा रही है. पिछले 6-7 माह से रैक बंद होने से हो रहे घाटे को पाटने के लिए कंपनी कोयले को क्रशर कर रही है.
रेल बंद है, सीएचपी चालू है : जीएम
गोविंदपुर क्षेत्र के जीएम केसी मिश्रा ने बताया कि रेल को बंद किया गया है. इससे सीएचपी से कोई लेना-देना नहीं है. इसलिए सीएचपी चालू है. जल्द ही सीएचपी को टुंडू साइडिंग में लगाया जायेगा. अभी ट्रांसपोर्टिंग के लिए काफी समय मार खा रहा है. डेंजर जोन है मगर पहले से ही सीएचपी चल रहा है. अब उसे वहां से हटा लिया जायेगा.