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नीरज सिंह हत्याकांड: BJP MLA का छलका दर्द, कहा- विधायक हूं, इसलिए झूठी प्राथमिकी दर्ज कर फंसाया गया

रांची : नीरज सिंह हत्याकांड में जेल में बंद झरिया से भाजपा विधायक संजीव सिंह ने गुरुवार को झारखंड विधानसभा में कहा कि ‘मुझे हत्या के झूठे केस में इसलिए फंसाया गया, क्योंकि मैं विधायक था. आम आदमी रहता, तो ऐसा नहीं होता. मैं दंश झेल रहा हूं.’ विधायक श्री सिंह ने पहली पाली में […]

रांची : नीरज सिंह हत्याकांड में जेल में बंद झरिया से भाजपा विधायक संजीव सिंह ने गुरुवार को झारखंड विधानसभा में कहा कि ‘मुझे हत्या के झूठे केस में इसलिए फंसाया गया, क्योंकि मैं विधायक था. आम आदमी रहता, तो ऐसा नहीं होता. मैं दंश झेल रहा हूं.’ विधायक श्री सिंह ने पहली पाली में सदन में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया और अपनी पीड़ा बतायी़ विधायक श्री सिंह ने कहा कि ‘वर्ष 2017 में मेरे एक करीबी राजीव रंजन सिंह उर्फ रंजय सिंह की हत्या हो गयी. 10 महीने गुजर गये, लेकिन उस हत्या कांड में कुछ नहीं हुआ.

रंजय सिंह की हत्या में लीपापोती हो गयी, क्योंकि उसके पिता माडा में कर्म चारी थे. रंजय का परिवार गरीब है. रंजय के परिवार के सामने भरण-पोषण का संकट है़ ’ श्री सिंह ने कहा कि इसके बाद धनबाद में एक घटना में चार लोगों की हत्या हुई. इस हत्या कांड में मेरे खिलाफ झूठी प्राथमि की दर्ज करायी गयी. मैंने हत्या कांड की जांच में पुलिस को हर तरह से मदद की. जब बुलाया, तब गया. न्या यालय का सम्मा न करता हूं. मैं अपना पक्ष वहां रखूंगा. विधायक श्री सिंह ने स्पी कर दि नेश उरांव से कहा कि यह लोकतंत्र का मंदिर है. आप हमारे अभिभावक हैं. मैं आपसे संरक्षण चाहता हूं. मेरे साथ न्या य करिए. स्पीकर ने कहा कि आपने अपनी बात रख दी है. समय-समय की बात है.

तो आम लो गों का क्या होगा : हेमंत

चर्चा के क्रम में प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में विधायकों की यह स्थिति है. विधायक अपनी पीड़ा बता रहे हैं, तो आम लोगों का क्या होगा? कांग्रेस विधायक निर्मला देवी ने कहा कि ‘मैं बड़कागांव में कफन सत्याग्रह में बैठी थी. चि रूडीह में दिन-रात धरना चल रहा था, लेकि न पुलिस सुबह चार बजे गिरफ्तार करने पहुंची़ मेरे पति को झूठे मुकदमे में फंसाया गया. सारा फरजी केस किया जा रहा है. बेटे को भी फंसाया गया. इस मामले में कांग्रेस विधायक आलमगीर आलम, इरफान अंसारी, बादल पत्रलेख द्वारा कार्य स्थगन का प्रस्ताव लाया गया था. कांग्रेस विधायक आलमगीर आलम ने कहा कि योगेंद्र साव जेल में थे, तब भी उन्हें दूसरे मामले में फंसाया गया.

…तो नहीं होती नीरज की हत्या : राज सिन्हा

विधायक राज सिन्हा ने कहा है कि रंजय सिंह हत्याकांड में पुलिस की भूमि का ठीक नहीं थी. अगर पुलिस तत्परता से कार्रवाई करती, तो नीरज सिंह की हत्या नहीं होती. गुरुवार को विधानसभा में झरिया विधायक संजीव सिंह द्वारा रंजय हत्याकांड को लेकर उठाये गये मामले का समर्थन करते हुए श्री सिन्हा ने कहा कि जो तत्परता पुलिस ने नीरज सिंह हत्याकांड में दिखायी, वही तत्परता यदि रंजय हत्याकांड में दि खायी होती, तो चार लोगों की हत्या नहीं होती. जैसाकि पुलिस का ही कहना है कि नीरज सिंह की हत्या रंजय हत्याकांड का प्रतिशोध थी. अगर इस हत्याकांड में नीरज सिंह का हाथ था, तो पुलि स को नीरज सिंह गिरफ्तार कर लेना चाहिए था. गिरफ्तार होने की दशा में भी नीरज की हत्या नहीं होती. अगर नीरज सिंह या उनके परिवार का हाथ नहीं था, तब भी क सी के मन में द्वेष नहीं होता . फिर प्रतिशोध में हत्या नहीं होती. रंजय हत्याकांड पर आज भी रहस्य बरकरार है. पुलिस को इसे दूर करना चाहिए.

21 मार्च 2017

रंजय की हत्या के करीब डेढ़ महीने बाद विधायक संजीव सिंह के चचेरे भाई सह पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या कर दी गयी. नीरज के अनुज अभिषेक सिंह उर्फ गुड्डू ने संजीव सिंह, मनीष सिंह, महंथ पांडेय, गया सिंह व पिंटू सिंह के खि लाफ हत्या करने की प्राथमिकी दर्ज करायी. इस मामले में संजीव सिंह जेल में बंद हैं.

29 जनवरी 2017

धनबाद शहर के व्यस्त म इलाका में विधायक संजीव सिंह के करीबी राजीव रंजन सिंह उर्फ रंजय सिंह (32) की हत्या को अंजाम देकर अपराधी सरेशाम भाग निकले. हत्याकांड के एकमात्र प्रत्यक्षदर्शी गवाह राजा यादव ने फोटो से मामा की पहचान की है. मामा विधायक संजीव सिंह के चचेरे भाई नीरज सिंह के परिवार से जुड़े रहे हैं. मामा की खोज में डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह के रघुकुल आवास और धैया में उनके मौसेरे भाई हर्ष सिंह के घर में छापामारी हो चुकी है.

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