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धनबाद-चंद्रपुरा रेलखंड: लाइन उखाड़ी तो सड़क से संसद तक होगा आंदोलन

बाघमारा : गिरिडीह सांसद रवींद्र कुमार पांडेय ने कहा है कि अगर अग्नि प्रभावित क्षेत्र का हवाला देकर बीते 15 जून से बंद धनबाद-चंद्रपुरा रेललाइन कोयला निकालने के लिए उखाड़ी गयी, तो बाघमारा विधानसभा क्षेत्र की जनता के हित में वह सड़क से लेकर संसद तक विरोध करेंगे. कहा कि डीसी लाइन क्षेत्र की लाइफ […]

बाघमारा : गिरिडीह सांसद रवींद्र कुमार पांडेय ने कहा है कि अगर अग्नि प्रभावित क्षेत्र का हवाला देकर बीते 15 जून से बंद धनबाद-चंद्रपुरा रेललाइन कोयला निकालने के लिए उखाड़ी गयी, तो बाघमारा विधानसभा क्षेत्र की जनता के हित में वह सड़क से लेकर संसद तक विरोध करेंगे. कहा कि डीसी लाइन क्षेत्र की लाइफ लाइन है, जो लालफीताशाही की शिकार हो गयी है. दिल्ली में रेल एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात में श्री पांडेय ने विस्तार से अपनी बातें रखीं. केंद्रीय मंत्री को ज्ञापन सौंप पिछली मुलाकात की बातों व सौंपे गये पत्र के बारे में स्मरण कराया. कहा कि मंत्रालय के निर्देश पर डीजीएमएस, सिंफर, बीसीसीएल, आइआइटी आइएसएम और रेलवे के अधिकारियों की हुई संयुक्त बैठक में निर्णय लिया गया था कि रेललाइन तत्काल चालू करने के लिए पुनः सर्वे किया जायेगा, किंतु स्थिति यथावत है.

कोयला निकालने की योजना पर लगे विराम : पिछले दिनों समाचार पत्रों में छपी खबर का हवाला देते हुए श्री पांडेय ने आपत्ति दर्ज करायी कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को बिना विश्वास में लिये अथवा वैकल्पिक व्यवस्था किये डीसी रेल लाइन के नीचे तथाकथित अग्नि प्रभावित क्षेत्र में रेल लाइन को उखाड़ कर कोयला निकालने की योजना बनायी जा रही है. इस कारण क्षेत्र के लोगों में व्यापक आक्रोश है. अगर छपी खबर सही है, तो रेल व कोयला मंत्रालय का कार्यभार एक ही मंत्री के पास होने के नाते वह योजना पर अविलंब विराम लगाते हुए स्थिति स्पष्ट करें तथा जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर डीसी लाइन चालू अथवा वैकल्पिक व्यवस्था करें.
ट्रेनों के विस्तार व ठहराव का दिया सुझाव
श्री पांडेय ने यात्री सुविधाओं के लिए ट्रेनों का विस्तार व ठहराव संबंधी सुझाव देते हुए मांग की कि डीसी लाइन की बंदी के कारण वर्तमान में भुवनेश्वर से बोकारो तक चलनेवाली गरीब रथ को वाया गोमो होकर धनबाद तक, आसनसोल-बोकारो मेमू पैसेंजर को गोमो तक, हटिया-यशवंतपुर एक्सप्रेस को धनबाद अथवा बोकारो तक, हटिया-बेंगलुरु कैंट साप्ताहिक एक्सप्रेस काे धनबाद तक, बरकाकाना-पटना पलामू एक्सप्रेस का विस्तार गोमो तक करने की मांग की. रांची से वाया बरकाकाना, बोकारो थर्मल, गोमो नयी दिल्ली और धनबाद से नयी दिल्ली तक हमसफर ट्रेन का परिचालन करने की मांग की. साथ ही सप्ताह में तीन दिन चलनेवाली रांची-हावड़ा इंटरसिटी तथा रांची-आनंद विहार साप्ताहिक ट्रेन की सेवा नियमित करने का सुझाव दिया. कहा कि महुदा स्टेशन पर गोरखपुर शालीमार एक्सप्रेस, पटना-रांची पाटलिपुत्र एक्सप्रेस, नयी दिल्ली-भुवनेश्वर दुरंतो एक्सप्रेस का खानूडीह स्टेशन पर, पुरी-नयी दिल्ली नंदनकानन एक्सप्रेस का बोकारो थर्मल स्टेशन पर, कोलकाता-अहमदाबाद एक्सप्रेस एवं कोलकाता-अजमेर एक्सप्रेस का और चंद्रपुरा स्टेशन पर टाटा-अमृतसर जालियांवाला बाग एक्सप्रेस एवं भुवनेश्वर-नयी दिल्ली एक्सप्रेस के ठहराव से डीसी लाइन बंदी से परेशान यात्रियों को भारी राहत मिलेगी.
मृत कर्मियों के आश्रितों की नौकरी देने की नीति में नहीं हो संशोधन
रवींद्र पांडेय ने रेल मंत्री से मांग की कि पुरानी कोलियरियों को बंद नहीं किया जाये. उन्होंने बंद कोलियरियों को चालू करने तथा मृत कोयला कर्मियों के आश्रितों को नौकरी देने के कोल इंडिया की वर्तमान नीति में संशोधन नहीं करने की मांग भी की. कहा कि सरकारी उपक्रमों का उद्देश्य मात्र मुनाफा कमाना नहीं, रोजगार देना भी है. कोयला कर्मी अपनी जान जोखिम में डाल कर देश में ऊर्जा की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं. खतरनाक कार्य की श्रेणी में संलग्न कोयला कर्मी अपने सेवाकाल में प्रदूषण जनित अथवा अन्य असाध्य रोग से ग्रसित हो जाते हैं, इसलिए केवल घातक दुर्घटनाओं में ही उनके आश्रितों को नौकरी देने की नीति सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की नीति के विरुद्ध होगी. पीयूष गोयल ने सांसद की सभी मांगों को गंभीरता से लेते हुए आश्वस्त किया कि डीसी लाइन अथवा कोयला कर्मियों के मामले में क्षेत्रीय सांसदों के सुझावों की अनदेखी नहीं की जायेगी. सभी निर्णय जनहित व कर्मचारी हित में लिये जायेंगे.

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