नववर्ष पर खूब छलकेंगे जाम

नीरज अंबष्ठ धनबाद : नववर्ष को लेकर संपूर्ण कोयलांचल में उल्लास व उमंग है. क्लब, होटल, रेस्टोरेंट व बार में 31 दिसंबर और एक जनवरी के लिए व्यापक तैयारी की गयी है. कहीं जाम से जाम टकरायेगा, तो कहीं बॉलीवुड सितारें शाम रंगीन करेंगे. नव वर्ष पर शराब की बिक्री चार से पांच गुना बढ़ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2017 9:11 AM
नीरज अंबष्ठ
धनबाद : नववर्ष को लेकर संपूर्ण कोयलांचल में उल्लास व उमंग है. क्लब, होटल, रेस्टोरेंट व बार में 31 दिसंबर और एक जनवरी के लिए व्यापक तैयारी की गयी है. कहीं जाम से जाम टकरायेगा, तो कहीं बॉलीवुड सितारें शाम रंगीन करेंगे. नव वर्ष पर शराब की बिक्री चार से पांच गुना बढ़ जाती है. आम दिनों में शराब की खपत रोज 50 से 55 लाख रुपये की होती है. जबकि नववर्ष पर अनुमानित तीन करोड़ रुपये की शराब की खपत होगी. शराब को लेकर दुकानों, बार व क्लब में ज्यादा स्टॉक मंगवा लिया गया है.
ली देर रात तक शराब परोसने की इजाजत : धनबाद में कुल 12 बार व चार क्लब के पास शराब परोसने का लाइसेंस है. इनमें से दो क्लब व छह बार ने देर रात तक शराब परोसने की अनुमति ले ली है.
अंग्रेजी साल का अंग्रेजी स्टाइल : आम तौर पर अंग्रेजी नववर्ष का स्वागत अंग्रेजी तरीके से होता है. कुछ लोग होटल-क्लब में 31 दिसंबर की शाम से ही जश्न मनाने लगते हैं. नॉनवेज खाते हैं. जाम से जाम टकरा कर 12 बजे रात हैप्पी न्यू इयर कर एक-दूसरे को विश करते हैं. लेकिन बड़ी संख्या में लोग घरों में रह कर इसे सेलिब्रेट करते हैं. कई लोग साल के पहले दिन पूजा स्थलों में जाते हैं और बेहतर साल की कामना करते हैं.
ड्राइ-डे नहीं, लेकिन जिम्मेदारी समझें
इसके बावजूद कि पड़ोसी राज्य बिहार में शराबबंदी है और यहां भी इसकी मांग उठ रही है, सरकार इस फैसले पर कायम है कि लोगों को इतना जागरूक कर दिया जायेगा कि वह खुद शराब नहीं पीयेंगे.
यह आदर्श स्थिति जब आयेगी तब आयेगी. फिलहाल तो 31 दिसंबर और एक जनवरी को सरकार ड्राइ-डे भी घोषित नहीं करती. इसलिए लोगों की यह जिम्मेदारी है कि वह इतना न पीयें कि होश खो बैठें और इस कारण उनके परिवार और दूसरे लोगों को परेशानी हो. शराब पीकर गाड़ी कदापि न चलायें. अक्सर सड़क दुर्घटनाएं शराब पीकर वाहन चलाने से ही होती है. लड़ाई झगड़े का कारण भी यही शराब है. प्रशासन ने तय किया है कि वह अभियान चला कर शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों को पकड़ेगा.
जिले में दुकानें कम, हो सकता है हंगामा
जिले में कुल 74 सरकारी शराब की दुकानें है. इनमें 10 कंपोजिट, 24 देशी व 40 विदेशी शराब की हैं.हाल के दिनों में ये शिकायतें आ रही थीं कि शराब दुकानों में प्रिंट रेट से ज्यादा कीमत वसूले जा रहे हैं. उत्पाद विभाग ने इन शिकायतों को दूर करने के लिए दुकानों के सामने रेट चार्ट टांग दिया है. अगर किसी दुकान में ज्यादा कीमत मांगी जाती है तो विभाग से शिकायत कर सकते हैं. विभाग का कहना है कि दुकानों में प्राय: ब्रांड की शराब उपलब्ध हैं. आशंका यह जतायी जा रही है कि शराब दुकानें कम होने से जल्दी लेने के चक्कर में हंगामा हो सकता है.

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