स्वच्छता सर्वेक्षण में आपका सहयोग भी जरूरी
स्वच्छता की अग्निपरीक्षा. चार से शुरू होगी ‘स्वच्छता सर्वेक्षण प्रतियोगिता-2018 पचास हजार आबादी वाले 4041 नगर निकाय होंगे शामिल चार जनवरी से ‘स्वच्छता सर्वेक्षण प्रतियोगिता-2018’ शुरू होगी. इस बार देश भर के पचास हजार आबादी वाले 4041 नगर निकायों को स्वच्छता की कसौटी पर कसा जायेगा. नगर निगम के साथ-साथ धनबादवासियों के लिए भी यह […]
स्वच्छता की अग्निपरीक्षा. चार से शुरू होगी ‘स्वच्छता सर्वेक्षण प्रतियोगिता-2018
पचास हजार आबादी वाले 4041 नगर निकाय होंगे शामिल
चार जनवरी से ‘स्वच्छता सर्वेक्षण प्रतियोगिता-2018’ शुरू होगी. इस बार देश भर के पचास हजार आबादी वाले 4041 नगर निकायों को स्वच्छता की कसौटी पर कसा जायेगा. नगर निगम के साथ-साथ धनबादवासियों के लिए भी यह प्रतियोगिता काफी चुनौतीपूर्ण है. धनबाद की छवि को पूरे देश में बेहतर बनाने में नगर निगम के अलावा आमलोगों का सहयोग भी जरूरी है.
धनबाद : सबसे गंदा शहर धनबाद की रैंकिंग तो सुधरी है, लेकिन और बेहतर करने की आवश्यकता है. 2016 में धनबाद को सबसे गंदा शहर चुना गया था. 73 शहरों में सबसे अंतिम पायदान पर धनबाद था. स्वच्छ सर्वेक्षण प्रतियोगिता 2017 में धनबाद को 500 शहरों की सूची में 109 वां रैंक मिला. चूंकि इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण प्रतियोगिता में देश भर के 4041 नगर निकाय शामिल हैं, इसलिए खुद को सबसे स्वच्छ साबित करने के लिए धनबाद नगर निगम को पहले से भी ज्यादा मेहनत करनी होगी.
ओडीएफ से मिलेगा अच्छा अंक
दो अक्तूबर 2017 को धनबाद नगर निगम ओडीएफ हो गया है. लिहाजा सर्वेक्षण में इसका लाभ मिलेगा. 43,000 से अधिक घरों में शौचालय और सड़कों के किनारे 30 मॉडयूलर टॉयलेट बनवाये गये हैं. खुले में शौच करनेवालों के खिलाफ भी लगातार सख्ती बरती जा रही है. दुकानों के आगे डस्टबीन रखना अनिवार्य किया गया है. रात्रि में विशेष सफाई अभियान चलाया जा रहा है.
स्वच्छता एप डाउनलोड की अपील
नगर निगम लगातार शहरवासियों से अपील कर रहा है कि वे मोबाइल फोन में स्वच्छता एप डाउनलोड करें. अगर कहीं गंदगी दिखे, तो एप के माध्यम से शिकायत दर्ज करायें. इसके अलावा शहर के बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल में लिटर बिंम डस्टबिन लगाये जा रहे हैं. जागरूकता फैलाने के लिए सड़कों पर जगह-जगह होर्डिंग लगायी जा रही हैं.
शहर को स्वच्छ रखना आपकी भी जिम्मेवारी
शहर को स्वच्छ रखना सबकी जिम्मेवारी है. नगर निगम अपना काम कर रहा है, लेकिन जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हम सभी का यह फर्ज बनता है कि हम अपने आसपास साफ-सफाई रखें. इससे न सिर्फ शहर की छवि सुधरेगी, बल्कि बीमारियां भी दूर रहेंगी. अत: प्रभात खबर शहरवासियों से अपील करता है कि शहर को स्वच्छ बनाने में धनबाद नगर निगम का सहयोग करें.
1000 अंक केवल आपके जवाब से मिलेंगे
स्वच्छ सर्वेक्षण प्रतियोगिता के तहत केंद्र सरकार की क्यूसीआइ (क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया) की टीम चार जनवरी के बाद कभी भी धनबाद आ सकती है. टीम शहर में सफाई व्यवस्था और कचरा प्रबंधन का जायजा लेगी. शौचालयों के निर्माण और उनकी साफ-सफाई की जानकारी लेगी. वहीं, सैकड़ों लोगों से शहर की सफाई व्यवस्था से संबंधित सवाल भी पूछेगी. अगर इन सवालों का जवाब सकारात्मक हुआ, तो धनबाद नगर निगम को 1000 अंक मिलेंगे. अगर लोगों के यह जवाब नकारात्मक हुए, तो शहर की रैंकिंग भी घटेगी.
4000 अंकों की प्रतियोगिता : स्वच्छ शहरों के लिए प्रतियोगिता 4000 अंकों की होगी. इसमें टीम के खुद के निरीक्षण के 1200 अंक हैं, जिसमें सफाई आदि का निरीक्षण कर अंक दिये जायेंगे. स्वच्छता एप डाउनलोड करने पर 400 अंक हैं. यानी जितना ज्यादा लोग एप डाउनलोड करेंगे, उतने ही अधिक अंक मिलेंगे. पब्लिक फीडबैक पर 1000 अंक है. फिर निकायों के डॉक्यूमेंटेशन पर 1400 अंक हैं. इस डॉक्यूमेंटेशन में निकायों को जानकारी देनी होगी कि कितने घरों से डोर टू डोर कचड़े का उठाव हो रहा है. गलत जानकारी देने पर निगेटिव मार्किंग भी है.
शहर को स्वच्छ रखना सबकी जिम्मेवारी है. नगर निगम अपना काम कर रहा है, लेकिन जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हम सभी का यह फर्ज बनता है कि हम अपने आसपास साफ-सफाई रखें. इससे न सिर्फ शहर की छवि सुधरेगी, बल्कि बीमारियां भी दूर रहेंगी. अत: प्रभात खबर शहरवासियों से अपील करता है कि शहर को स्वच्छ बनाने में धनबाद नगर निगम का सहयोग करें.
1000 अंक केवल आपके जवाब से मिलेंगे
स्वच्छ सर्वेक्षण प्रतियोगिता के तहत केंद्र सरकार की क्यूसीआइ (क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया) की टीम चार जनवरी के बाद कभी भी धनबाद आ सकती है. टीम शहर में सफाई व्यवस्था और कचरा प्रबंधन का जायजा लेगी. शौचालयों के निर्माण और उनकी साफ-सफाई की जानकारी लेगी. वहीं, सैकड़ों लोगों से शहर की सफाई व्यवस्था से संबंधित सवाल भी पूछेगी. अगर इन सवालों का जवाब सकारात्मक हुआ, तो धनबाद नगर निगम को 1000 अंक मिलेंगे. अगर लोगों के यह जवाब नकारात्मक हुए, तो शहर की रैंकिंग भी घटेगी.
4000 अंकों की प्रतियोगिता : स्वच्छ शहरों के लिए प्रतियोगिता 4000 अंकों की होगी. इसमें टीम के खुद के निरीक्षण के 1200 अंक हैं, जिसमें सफाई आदि का निरीक्षण कर अंक दिये जायेंगे. स्वच्छता एप डाउनलोड करने पर 400 अंक हैं. यानी जितना ज्यादा लोग एप डाउनलोड करेंगे, उतने ही अधिक अंक मिलेंगे. पब्लिक फीडबैक पर 1000 अंक है. फिर निकायों के डॉक्यूमेंटेशन पर 1400 अंक हैं. इस डॉक्यूमेंटेशन में निकायों को जानकारी देनी होगी कि कितने घरों से डोर टू डोर कचड़े का उठाव हो रहा है. गलत जानकारी देने पर निगेटिव मार्किंग भी है.