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गर्भस्थ शिशु को बाहर निकालने के लिए झोला छाप डॉक्टर की बेटियां दबा रही थीं पेट

फर्जी डिग्रीधारी मेडिकल प्रैक्टिशनर रेखा देवी व उसकी दो बेटियां अकुशल तरीके से प्रसव कराने के आरोप में पुलिस गिरफ्त में हैं. आरोप है कि रेखा की क्लिनिक में प्रसव पीड़ा के दौरान सोमवार की रात 20 वर्षीया आरती देव व उसके गर्भस्थ शिशु की मौत हो गयी थी. प्रभात खबर में जच्चा-बच्चा की मौत […]

फर्जी डिग्रीधारी मेडिकल प्रैक्टिशनर रेखा देवी व उसकी दो बेटियां अकुशल तरीके से प्रसव कराने के आरोप में पुलिस गिरफ्त में हैं. आरोप है कि रेखा की क्लिनिक में प्रसव पीड़ा के दौरान सोमवार की रात 20 वर्षीया आरती देव व उसके गर्भस्थ शिशु की मौत हो गयी थी. प्रभात खबर में जच्चा-बच्चा की मौत से जुड़ी खबर प्रकाशित होने के बाद बुधवार का जला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग रेस नजर आये.

चिरकुंडा : इलाज के दौरान झोला छाप डॉक्टर रेखा साव की क्लिनिक में आरती देवी व उसके गर्भस्थ शिशु की मौत की जांच के लिए बुधवार को प्रभारी सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा ने निरसा सीएचसी प्रभारी डॉ एसके गुप्ता को जीवन सोनी क्लिनिक भेजा. इससे पहले प्रभात खबर में समाचार देख विधायक अरूप चटर्जी ने सीएस से बात की और कार्रवाई की मांग की. डॉ एसके गुप्ता कुमारधुबी के पंचमहली स्थित केएमसीइएल आवास में खोली गयी क्लिनिक में पहुंचे तो दीवारों पर लिखी बातें, दवाखाना में रखीं दवाइयों की मात्रा को देख अचंभित रह गये. डाॅ गुप्ता ने कागजातों की भी जांच की. रेखा साव से आरती के इलाज के बारे में पूछताछ की. उसने स्वीकार किया कि एक जनवरी की दोपहर आरती को लेकर उसके परिजन यहां आये थे. रात्रि आठ बजे उन्हें मरीज को ले जाने को कह दिया था, लेकिन वे लोग 12 बजे रात में ले गये. रेखा ने किसी भी प्रकार के चीर-फाड़ से इंकार किया.

परिजन के आग्रह को किया नजरअंदाज : जांच के दौरान ही मृतका के परिजन रेखा साव की क्लिनिक पहुंचे और जमकर हंगामा किया. महिलाओं की संख्या अधिक थी. वे लोग उसे गिरफ्तार कर कार्रवाई की मांग कर रहे थे. लोग रेखा साव को पीटने पर उतारू थे. इसी बीच पहुंची कुमारधुबी पुलिस ने रेखा साव व उसकी बेटियों को हिरासत में लेकर क्लिनिक में ताला लगा दिया. मृतका के पति ने कुमारधुबी ओपी में की गयी शिकायत में रेखा साव, उसकी बेटी सोनी कुमारी (21) व 17 वर्षीया बेटी पर उसकी पत्नी व बच्चे को मारने का आरोप लगाया है. कहा कि झरियापाड़ा चिरकुंडा स्थित क्लिनिक में इलाज के बाद आरती को केएमसीइएल आवास पंचमहली ले जाया गया. कमरा बंद कर उन लोगों को बाहर कर दिया गया. देर होने लगी, तो वह खिड़की की छेद से झांका तो देखा कि उसकी पत्नी के निजी अंग को चीर दिया गया है. रेखा साव की दोनों बेटियां उसका पेट दाब-दाब कर जबर्दस्ती बच्चा बाहर निकालने का प्रयास कर रही थीं. बार-बार आग्रह करने के बाद भी उसे नहीं ले जाने दिया गया. अंततः रेखा ने दोनों को मार दिया. पुलिस तीनों से पूछताछ कर रही है.

अंतिम संस्कार एफआइआर में बना था बाधक

मृतका आरती देवी का अंतिम संस्कार कर देने के कारण पुलिस साक्ष्य के अभाव में केस करने से देर शाम तक आनाकानी करती रही. आरती के परिजन भी इससे काफी परेशान थे. परिजनों के आवेदन को स्थानीय पुलिस दरकिनार करती रही. पुलिस का कहना था कि बिना साक्ष्य के अभाव में कैसे केस किया जा सकता है. प्रभारी सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा ने इस बाबत एसएसपी मनोज रतन चोथे से बातचीत की. सिविल सर्जन ने जांच के दौरान पाये गये फर्जी कागजात को एसएसपी को भेजा. सिविल सर्जन ने बताया कि महिला गलत तरीके से मरीजों का इलाज कर रही थी. सिविल सर्जन की शिकायत के आधार पर देर शाम केस दर्ज किया गया.

हत्या का मामला बनता है

सीधे तौर पर यह हत्या का मामला बनता है. जान-बूझ कर झोला छाप डॉक्टर ने गर्भवती महिला व नवजात की जान ली है. इसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर तुरंत गिरफ्तार करने की जरूरत है. मृतक के परिजन आज सुबह ही मिलकर सारी बातें बतलायीं. काफी दुखद घटना है.
अरूप चटर्जी, विधायक

गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज
मृत आरती देवी के पति पप्पू कुमार रवानी की लिखित शिकायत पर रेखा साव, उसकी दो बेटी तनु कुमारी व एक अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. तीनों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है. झोला छाप डॉक्टर के खिलाफ भादंवि की धारा 304/314/315/316/34 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है. गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है.
विद्यासागर पासवान, प्रभारी, कुमारधुबी ओपी

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