धनबाद : फर्जी डिग्रीधारी मेडिकल प्रैक्टिशनर रेखा देवी व उसकी दो बेटियां अकुशल तरीके से प्रसव कराने के आरोप में पुलिस गिरफ्त में हैं. आरोप है कि रेखा की क्लिनिक में प्रसव पीड़ा के दौरान सोमवार की रात 20 वर्षीया आरती देव व उसके गर्भस्थ शिशु की मौत हो गयी थी. प्रभात खबर में जच्चा-बच्चा की मौत से जुड़ी खबर प्रकाशित होने के बाद बुधवार का जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग रेस नजर आये.
जांच में पाया गया कि रेखा साव के पास सामान्य दायी का भी सर्टिफिकेट नहीं था. सीएस को दी गयी रिपोर्ट में बताया गया है कि रेखा साव अपने बोर्ड पर एमबीबीएस-गायनी लिखवा रखी थी, लेकिन जांच करने गयी टीम को रेखा साव सामान्य दाई का कागजात तक नहीं दिखा पायी. प्रसव से जुड़ा कोई भी दक्षता प्रमाण पत्र भी वह नहीं दे पायी. जो कागजात जमा किये हैं, उसमें न एमबीबीएस का कोई प्रमाण है, न गायनी का. इससे यह स्पष्ट है कि वह अनधिकृत रूप से लोगों का इलाज कर रही थी.
पैसे कमाने के लालच में भूली मानवता : कुछ घंटों की जांच के बाद डॉ एसके गुप्ता यहां से मुख्यालय रवाना हो गये. विभागीय सूत्र बताते हैं कि रेखा साव फर्जी ढंग से इलाज कर रही थी. उसके यहां जितनी दवा मिली, उसे रखने का भी अधिकारी नहीं था. आरती देवी के संबंध में भी पूछताछ की. पूरा मामला बेहद संगीन है. जांच टीम ने पाया कि रेखा को डिलिवरी कराने का कोई अधिकार ही नहीं है. टीम के जाने के बाद पुलिस वहां पहुंची और क्लिनिक सील की.