हमारी आंख हैं ट्रेड यूनियन : संतोष गंगवार
केंद्रीय श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में बोले केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्री श्रमिकों से जुड़ी समस्याओं का निराकरण को उठाये जायेंगे कदम धनबाद : श्रमिकों के हित के लिए जो भी आवश्यक कदम होंगे वे उठाये जायेंगे, ताकि उनकी सभी समस्याओं का निराकरण समय पर हो सके. श्रमिकों से जुड़ी समस्याओं के […]
केंद्रीय श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में बोले केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्री
श्रमिकों से जुड़ी समस्याओं का निराकरण को उठाये जायेंगे कदम
धनबाद : श्रमिकों के हित के लिए जो भी आवश्यक कदम होंगे वे उठाये जायेंगे, ताकि उनकी सभी समस्याओं का निराकरण समय पर हो सके. श्रमिकों से जुड़ी समस्याओं के निष्पादन में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. उक्त बातें केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कही. वह मंगलवार को खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) मुख्यालय स्थित सभागार में डीजीएमएस व सभी केंद्रीय श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता कर रहे थे. उन्होंने कहा कि श्रमिक संगठन हमारी आंख हैं, इसलिए मजदूर कल्याण व हितों की जहां-जहां कमी दिखाई दे व किसी प्रकार की समस्या हो तो वे सीधे संपर्क कर सकते हैं
, उस पर त्वरित कार्रवाई की जायेगी. इस दौरान केंद्रीय मंत्री श्री गंगवार ने डीजीएमएस के अधिकारियों के साथ समीक्षात्मक वार्ता की. बैठक में श्रम व रोजगार मंत्रालय की संयुक्त सचिव कल्पना राजसिंहोट, डीजीएमएस के महानिदेशक पीके सरकार, उप महानिदेशक बीपी सिंह, उप महानिदेशक (सेंट्रल जोन) के नागेश्वर राव, उप महानिदेशक जीएल कांता राव, उप महानिदेशक डीबी नायक, निदेशक एस बाक्ची, निदेशक संजीवन राय के अलावे अन्य अधिकारी शामिल थे.
श्रमिक संगठनों ने सौंपा 16 सूत्री ज्ञापन : सभी केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने संयुक्त रूप से 16 सूत्री ज्ञापन केंद्रीय मंत्री श्री गंगवार को सौंपा. जबकि आरसीएमएस के महामंत्री एके झा ने एक अलग से 21 सूत्री ज्ञापन मंत्री को सौंपा. कहा गया कि आउटसोर्सिंग व ठेका मजदूरों को हाइ पावर कमेटी की अनुशंसा के बावजूद न्यूनतम वेतनमान नहीं मिल रहा है, जो हर हाल में होना चाहिए. ज्ञापन सौंपने वालों में पूर्व मंत्री बच्चा सिंह व मन्नान मल्लिक, एसके बक्सी, आरके तिवारी, आर तिवारी, केके कर्ण, विनोद मिश्रा, आरपी सिंह, सुरेंद्र झा, डॉ अरुण सिंह, संतोष महतो शामिल थे.
प्रमुख मांगें : बीसीसीएल में बंद अंडर ग्राउंड माइंस को अविलंब चालू किया जाये, कोयला उद्योग में आउटसोर्सिंग की बजाय विभागीय उत्पादन पर जोर दिया जाये, कोयला उद्योग के विकास में जिन किसानों की जमीन बर्बाद हुई है उन्हें नौकरी, क्षतिपूर्ति दी जाये, पुनर्वास की व्यवस्था की जाये, अनुपस्थिति के नाम पर बर्खास्त कर्मियों को काम पर वापस लिया जाये, धनबाद-चंद्रपुरा रेलवे लाइन को अविलंब चालू कराया जाये, स्थायी प्रकृति के कार्यों में लगे ठेका मजदूरों को स्थायी किया जाये आदि.