महिलाएं गयीं थीं बंध्याकरण कराने, काट दी पेशाब की थैली
धनबाद : तोपचांची सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गुरुवार को बंध्याकरण शिविर में दो महिलाओं का यूरिनरी ब्लाडर (पेशाब की थैली) अलग कर दिया गया. परिजनों ने हंगामा किया. चिकित्सकों ने ब्लाडर को रिपेयर (ऑपरेशन) कर पीएमसीएच में रेफर कर दिया. फिलहाल पीएमसीएच के सर्जिकल आइसीयू में रंगरीटांड़, तोपचांची की गुड़िया देवी (30) व बरवाअड्डा की […]
धनबाद : तोपचांची सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गुरुवार को बंध्याकरण शिविर में दो महिलाओं का यूरिनरी ब्लाडर (पेशाब की थैली) अलग कर दिया गया. परिजनों ने हंगामा किया. चिकित्सकों ने ब्लाडर को रिपेयर (ऑपरेशन) कर पीएमसीएच में रेफर कर दिया. फिलहाल पीएमसीएच के सर्जिकल आइसीयू में रंगरीटांड़, तोपचांची की गुड़िया देवी (30) व बरवाअड्डा की पोकी देवी (36) को भर्ती किया गया है. डॉक्टरों की टीम ने दोनों की जांच की. दोनों महिलाएं बेसुध हैं. हालांकि चिकित्सक खतरे से बाहर बता रहे हैं.
क्या है मामला : केंद्र में बंध्याकरण शिविर लगाया था. सुबह नौ बजे हवाईअड्डा (बरवाअड्डा) के गोपाल हाड़ी की पत्नी पोकी देवी केंद्र पहुंची. वहीं सुखदेव ठाकुर की पत्नी गुड़िया देवी भी नौ बजे पहुंचे. भारी भीड़ होने के कारण शाम 3.30 बजे दोनों के ऑपरेशन का नंबर आया. ऑपरेशन के बाद चिकित्सकों ने परिजनों को बुलाकर घटना की जानकारी दी. बताया गया कि फिलहाल दोनों को पीएमसीएच भेजा जायेगा. इस पर परिजनों ने विरोध जताया शुरू कर दिया. दोनों के परिजन चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा करने लगे. इसके बाद सीएचसी के एंबुलेंस से दोनों मरीज को पीएमसीएच लाया गया.
टारगेट से ज्यादा आ गयी महिलाएं, अफरा-तफरी
बताया जाता है कि बंध्याकरण शिविर में चिकित्सकों ने 15 से 20 बंद्याकरण ऑपरेशन का टारगेट रखा था. निर्बाध बिजली के लिए जेनेरेटर लगाया गया था. सुबह नौ बजे से ऑपरेशन शुरू किया गया, लेकिन इसके बाद शाम चार बजे तक महिलाएं ऑपरेशन के लिए आती गयीं. इस कारण अफरा-तफरी का माहौल रहा. शाम तक 30 महिलाओं का ऑपरेशन किया गया. इसमें गुड़िया व पोकी देवी का यूरिनरी ब्लाडर कट गया.
दोनों महिलाओं के हैं चार-चार बच्चे
गुड़िया की तीन बेटियां व एक बेटा है. पति सुखदेव ठाकुर एक बस में कंडक्टर है. किसी तरह गुजारा करते हैं. वहीं पोकी देवी के दो बेटे व दो बेटियां हैं. पति गोपाल हाड़ी बैंक मोड़ के एक बैंक में नौकरी करते हैं. परिजनों ने बताया कि प्रेरकों ने आकर बंध्याकरण की सलाह दी थी. लेकिन यहां तो दूसरी बात हो गयी.
शाम तक बंध्याकरण के लिए महिलाएं आती रहीं. लोगों की लगातार पैरवी होती रही. वहीं चिकित्सक बिना-खाये पीये सुबह नौ बजे से लगातार सेवा देते रहे. फिलहाल महिलाएं बिल्कुल स्वस्थ हैं.
डॉ जयंत कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदा., तोपचांची.