धनबाद : असगर वजाहत बने जलेस के अध्यक्ष, नौवां राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न

धनबाद : जनवादी लेखक संघ (जलेस) का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन तमाम लेखकों से एकजुट होकर अपनी रचनात्मक शक्ति को संगठित करने के आह्वान के साथ संपन्न हुआ. इस मौके पर केंद्रीय पदाधिकारियों का चयन किया गया. जिसमें जानेमाने लेखक असगर वजाहत को अध्यक्ष, चंचल चौहान कार्यकारी अध्यक्ष और मुरली मनोहर प्रसाद सिंह महासचिव चुने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 28, 2018 6:42 PM

धनबाद : जनवादी लेखक संघ (जलेस) का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन तमाम लेखकों से एकजुट होकर अपनी रचनात्मक शक्ति को संगठित करने के आह्वान के साथ संपन्न हुआ. इस मौके पर केंद्रीय पदाधिकारियों का चयन किया गया. जिसमें जानेमाने लेखक असगर वजाहत को अध्यक्ष, चंचल चौहान कार्यकारी अध्यक्ष और मुरली मनोहर प्रसाद सिंह महासचिव चुने गए. सम्मेलन के दौरान कई प्रस्ताव भी पारित किये गये. राष्ट्रीय सम्मेलन के स्वागत समिति के संयोजक डॉ अली इमाम खान ने बताया कि जलेस के अगले राष्ट्रीय सम्मेलन का स्थल अभी तक तय नहीं हुआ है. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह तय किया जायेगा.

आपसी मतभेदों को भूलकर एक साथ खड़े होने का वक्त
सम्मेलन के दूसरे दिन रविवार को सांगठनिक सत्र में देश भर से जूट लेखकों ने घोषणा पत्र और कार्यक्रम के मसौदे पर अपने अपने विचार रखे. उन्होंने एक स्वर में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, लोगों के संविधान प्रदत्त नागरिक अधिकार और देश के साझा सांस्कृतिक परंपरा पर हो रहे हमले पर गहरी चिंता और नाराजगी जतायी. वक्ताओं ने कहा की देश में समतामूलक साझा संस्कृति के समर्थन में जनवादी शक्तियों को एकजुट होकर संघर्ष करना होगा. आज जिस तरह के हमले हो रहे हैं और उनकी जद में हर तरह की सांस्कृतिक अभिव्यक्ति आ गयी है. ऐसे हमलो के बीच लेखको और संस्कृति कर्मियों की एकजुटता और व्यापक प्रतिरोध आंदोलन को संगठित और सक्रिय करने की जरूरत है. आपसी मतभेदों और मनमुटावों से ऊपर उठकर एक साथ खड़े होने का समय है.
आज लेखक के तौर पर हमारी अस्मिता ही खतरें में नहीं, वरन एक नागरिक के तौर पर हमारी आजादी भी खतरें में हैं. इस सत्र की अध्यक्षता चंचल चौहान, डॉ मृणाल, और डॉ नीरज सिंह की तीन सदस्यीय अध्यक्ष मंडली ने एवं संचालन मुरली मनोहर प्रसाद सिंह ने किया. वक्ताओं में संजीव, सत्येन्द्र कुमार, नीरज सिंह, राजेश जोशी , बजरंग बिहारी, सुधीर सिंह, मनमोहन, शुभा , रामप्रकाश त्रिपाठी,अशोक शुभदर्शी आदि प्रमुख हैं.
प्रस्ताव
सम्मेलन में कई प्रस्ताव पारित किए गए जिनमें अभव्यक्ति के आजादी पर बढ़ते हमले के खिलाफ, उर्दू की हिफाजत, दलित उत्पीड़न के खिलाफ और लैंगिक उत्पीड़न के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए गए.
कमेटी
सम्मेलन में सर्वसम्मति से असगर वजाहत को अध्यक्ष, चंचल चौहान को कार्यकारी अध्यक्ष, मुरली मनोहर प्रसाद सिंह को महासचिव और राजेश जोशी एवं संजीव कुमार समेत 29 सदस्यों का पदाधिकारी मंडल का चुनाव हुआ.जिसमें झारखंड के अली इमाम,पीसीदास और एमजेड खान शामिल है.
चुने गये पदाधिकारी
अध्यक्ष – असगर वजाहत
कार्यकारी अध्यक्ष – चंचल चौहान
महासचिव – एमएम पी सिंह
संयुक्त महासचिव – राजेश जोशी, संजीव कुमार
उपाध्यक्ष – रमेश कुंतल, मृणाल, नमिता सिंह, चंद्रकला पान्डेय,
सचिव – अली इमाम खान
कोषाध्क्ष – जवरीमल पारख

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