राज्य सरकार के आदेश पर कोयला मंत्रालय की रोक

कोमन कॉज मामले में बीसीसीएल ने ली राहत की सांस सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दे राज्य सरकार ने बीसीसीएल की 43 खदानों पर लगाया था 17 हजार करोड़ का जुर्माना धनबाद : पर्यावरण मंजूरी से अधिक कोयला निकासी के मामले में झारखंड सरकार के बीसीसीएल सहित अन्य कोयला कंपनियों पर लगाये गये जुर्माना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 3, 2018 5:00 AM

कोमन कॉज मामले में बीसीसीएल ने ली राहत की सांस

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दे राज्य सरकार ने बीसीसीएल की 43 खदानों पर लगाया था 17 हजार करोड़ का जुर्माना
धनबाद : पर्यावरण मंजूरी से अधिक कोयला निकासी के मामले में झारखंड सरकार के बीसीसीएल सहित अन्य कोयला कंपनियों पर लगाये गये जुर्माना पर कोयला मंत्रालय ने शुक्रवार को रोक लगा दी है. इससे बीसीसीएल प्रबंधन ने राहत की सांस ली है. बता दें कि एमएमडीआर एक्ट 1957 के सेक्शन 21(5) के तहत राज्य सरकार द्वारा कोल कंपनियों पर कार्रवाई की गयी थी. उसमें री-विजन फाइल करने का प्रावधान है.
क्या है मामला : कॉमन कॉज मामले में सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए तथा झारखंड सरकार के दिशा-निर्देश पर खनन विभाग की ओर से बीसीसीएल, इसीएल, सेल व टाटा प्रबंधन को राजस्व वसूली के लिए नोटिस जारी किया गया था. उसमें कहा गया है कि बिना पर्यावरण स्वीकृति के ही खदानें चल रही हैं. 2001 से लेकर 2017 के बीच राजस्व गणना करने के बाद करीब 17 हजार करोड़ का डिमांड नोट तैयार कर बीसीसीएल को राशि भुगतान करने को कहा गया था. पेनाल्टी नहीं जमा करने पर बीसीसीएल की 43 खदानों को बंद करने का सख्त आदेश दिया था. इस कारण कंपनी की खदानों पर बंदी की तलवार लटक रही थी.
इस पर कोयला मंत्रालय ने राज्य सरकार के आदेश पर तत्काल तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. साथ ही अगले आदेश तक यथावत स्थिति बनाये रखने को कहा है. कोयला मंत्रालय के इस आदेश के बाद बीसीसीएल प्रबंधन ने राहत की सांस ली है. बीसीसीएल विधि विभाग के मुख्य प्रबंधक (विधि) एमपी शास्त्री ने कहा कि कोयला मंत्रालय ने राज्य सरकार के आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. जानकारी हो कि कॉमन कॉज मामला ओड़िशा के मैगनीज व आयरन ओर माइंस के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट में दायर की गयी थी.

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