सौ किसानों को मिलेंगे 30-30 फलदार पौधे

धनबाद: जिला उद्यान विभाग सौ चयनित किसानों के बीच 30-30 फलदार पौधे वितरित करेगा. इसके साथ जमीन की घेराबंदी व सिंचाई के लिए 24-24 सौ रुपये देगा. पौधे की वृद्धि तेजी से हो इसके लिए खाद दिया जायेगा. यह जानकारी देते हुए जिला उद्यान पदाधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि मई-जून में पौधों का वितरण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 6, 2014 10:54 AM

धनबाद: जिला उद्यान विभाग सौ चयनित किसानों के बीच 30-30 फलदार पौधे वितरित करेगा. इसके साथ जमीन की घेराबंदी व सिंचाई के लिए 24-24 सौ रुपये देगा. पौधे की वृद्धि तेजी से हो इसके लिए खाद दिया जायेगा. यह जानकारी देते हुए जिला उद्यान पदाधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि मई-जून में पौधों का वितरण शुरू कर दिया जायेगा. पौधों में आम, कटहल, नीबू, अमरूद शामिल होंगे. समय-समय पर पौधों का निरीक्षण भी किया जायेगा.

बारिश से सब्जियों की पैदावार बढ़ेगी : श्री कुमार ने बताया कि अचानक बारिश से फलों व सब्जियों को फायदा हुआ है. खासकर सब्जियों के उत्पादन में बढ़ोतरी होगी. हालांकि ओलावृष्टि होने से आम के फसल को कहीं-कहीं नुकसान होने की सूचना है. लेकिन इस बार आम के फल पेड़ों पर कम ही लगे हैं.

तीन जगहों पर नर्सरी उद्यान
श्री कुमार ने बताया कि विभाग की ओर से तीन जगहों पर नर्सरी उद्यान लगाया गया है. इसमें कटहल, आम, अमरूद आदि के पौधे लगाये गये थे. अब यह पेड़ बड़े हो कर फल देने लगे हैं. एक उद्यान मिश्रित भवन के पास, दूसरा सरायढेला के पास व तीसरा तोपचांची में हैं. उद्यान का उद्देश्य पौधों के प्रति झुकाव व फल प्राप्त करना है.

शिफ्टिंग का काम शुरू
कृषि व उद्यान विभाग अब मिश्रित भवन की जगह स्टील गेट स्थित नये भवन में शिफ्ट हो जायेगा. यहां कृषि विभाग के लिए भवन तैयार हो गया है. मिश्रित भवन से शिफ्टिंग का काम शुरू हो गया है. सोमवार को कई जरूरी सामान व आलमीरा को स्टील गेट शिफ्ट किया गया है. संभवत बुध या गुरुवार तक विभाग का कामकाज यहां चलने लगेगा.

सूक्ष्म सिंचाई योजना से मिली राहत
श्री कुमार ने बताया कि विभाग की ओर से सूक्ष्म सिंचाई योजना से किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान पर उपकरण आदि दिये गये हैं. इसमें डीप सिंचाई प्रणाली व स्प्रीकल सिंचाई प्रणाली शामिल हैं. डीप सिंचाई से सीधे जमीन के अंदर से खेतों के लिए पानी मुहैया कराया गया, वहीं स्प्रीकल सिंचाई प्रणाली को बीच खेत में रख दिया जाता है, इसके बाद यह उपकरण गोल घूम-घूम खेतों में फुहारा करते हुए पानी देता हैं.

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