दो नेत्रहीन बंधे परिणय सूत्र में, आलोकित हुआ समाज
लड़का सॉफ्टवेयर इंजीनियर सरायढेला का लड़की जामताड़ा की धनबाद : सोशल साइट पर ब्रेल लिपि से संवाद हुआ, प्यार हुआ और फिर दोनों ने शादी कर ली. दोनों नेत्रहीन हैं. मंगलवार को यहां उन्होंने अपने विवाह का रजिस्ट्री ऑफिस में निबंधन कराया. हालांकि इसके पहले सॉफ्टवेयर इंजीनियर सुरेंद्र कुमार गुप्ता और चंदा कुमारी ने 24 […]
लड़का सॉफ्टवेयर इंजीनियर सरायढेला का लड़की जामताड़ा की
धनबाद : सोशल साइट पर ब्रेल लिपि से संवाद हुआ, प्यार हुआ और फिर दोनों ने शादी कर ली. दोनों नेत्रहीन हैं. मंगलवार को यहां उन्होंने अपने विवाह का रजिस्ट्री ऑफिस में निबंधन कराया. हालांकि इसके पहले सॉफ्टवेयर इंजीनियर सुरेंद्र कुमार गुप्ता और चंदा कुमारी ने 24 फरवरी को कल्याणेश्वरी मंदिर (मैथन) में विधि विधान से शादी की. 31 वर्षीय सुरेंद्र कुमार गुप्ता दिल्ली में एक प्रतिष्ठित कंपनी में कार्यरत हैं. सरायढेला न्यू कॉलोनी में उनका पैतृक घर है. उन्होंने रांची व दिल्ली में पढ़ाई की.
इसके बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर बने. दूसरी ओर 26 वर्षीय चंदा कुमारी गुप्ता जामताड़ा की हैं. पहले उन्हें दिखाई देता था. लेकिन धीरे-धीरे उनकी आंखों की रोशनी खत्म हो गयी. वह इंटर तक पढ़ी है. कोर्ट मैरिज के दौरान सुरेंद्र कुमार गुप्ता के साथ उनके पिता श्याम नंदन दास, मां मंजू देवी तथा चंदा देवी के साथ पिता जय किशोर प्रसाद व मां मंजू देवी आयी हुई थी. इस विवाह की सर्वत्र प्रशंसा हो रही है.
दोस्तों ने कराया चंदा से कांटेक्ट : सुरेंद्र कुमार गुप्ता ने कहा कि दोस्तों ने चंदा से कांटेक्ट कराया. इसके बाद फेसबुक व वाट्स एप में लंबे समय तक एक दूसरे से ब्रेल लिपि के जरिये बातचीत करते रहे. धीरे-धीरे प्यार हो गया. मैंने अपने मां व पिता को बताया. परिवार के लोग राजी हो गये और चंदा के परिवार के साथ बातचीत की. परिवार की रजामंदी से हम दोनों ने शादी की.
मन में जज्बा हो तो कोई काम मुश्किल नहीं
सुरेंद्र ने कहा : बचपन से ही नेत्रहीन था. लेकिन नेत्र हीनता को कभी हमने कमजोरी बनने नहीं दी. बचपन से ही कुछ अलग बनने की लालसा थी. ब्रेल लिपि से पढ़ाई की. फिर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बना.
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