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धनबाद : बस्ताकोला क्षेत्र के केओसीपी में सीबीआइ का छापा, मचा हड़कंप

एटी लिब्रा आउटसोर्सिंग में ओवररिपोर्टिंग की जांच शुरू, बीसीसीएल व आउटसोर्सिंग प्रबंधन में मचा हड़कंप घनुडीह/बस्ताकोला धनबाद कोयला व ओबी के ओवर रिपोर्टिंग को लेकर सीबीआइ व विजिलेंस की टीम ने बस्ताकोला क्षेत्र के एटी लिब्रा आउटसोर्सिंग परियोजना में गुरुवार को छापामारी की. छापामारी के सूचना मिलते ही बीसीसीएल व आउटसोर्सिंग प्रबंधन में हड़कंप मच […]

एटी लिब्रा आउटसोर्सिंग में ओवररिपोर्टिंग की जांच शुरू, बीसीसीएल व आउटसोर्सिंग प्रबंधन में मचा हड़कंप


घनुडीह/बस्ताकोला धनबाद

कोयला व ओबी के ओवर रिपोर्टिंग को लेकर सीबीआइ व विजिलेंस की टीम ने बस्ताकोला क्षेत्र के एटी लिब्रा आउटसोर्सिंग परियोजना में गुरुवार को छापामारी की. छापामारी के सूचना मिलते ही बीसीसीएल व आउटसोर्सिंग प्रबंधन में हड़कंप मच गया. टीम सबसे प्रथम बस्ताकोला क्षेत्रीय कार्यालय अचानक पहुंची. वहां से महाप्रबंधक पीके दुबे, क्षेत्रीय सर्वे अधिकारी एमके सिंह को साथ लेकर 27 सदस्यीय टीम केओसीपी कार्यालय पहुंचे. पीओ बीके झा व जीएम श्री दुबे से पूछताछ की. इसके बाद टीम कुइयां कोल डंप होते हुए एनसी पैच ब्यूह प्वाइंट पहुंची. वहां से अधिकारियों ने परियोजना को देखा. उसके बाद पीओ व जीएम को लेकर परियोजना के स्टॉर्टिंग प्वाइंट गोलकडीह पहुंची. टीम ने एटी लिब्रा आउटसोर्सिंग परियोजना का नक्शा का भी अवलोकन किया. टीम का नेतृत्व सीबीआइ के डीएसपी उमेश कुमार कर रहे थे. टीम ने गोलकडीह स्टॉर्टिंग प्वाइंट से टीएस मशीन द्वारा एनसी पैच परियोजना का ओबी (ओवर बर्डेन)की मापी कर जांच शुरू की. वहीं प्रबंधन ने बताया कि डंप 1, डंप 2 व सीके साइडिंग मिलाकर 17 हजार टन कोयला स्टॉक है.


2012 फरवरी में शुरू हुआ था एनसी परियोजना

बस्ताकोला क्षेत्र का पहला आउटसोर्सिंग परियोजना फरवरी 2012 में 252 करोड़ की लागत से शुरू हुआ था. जिसकी कार्य अवधि 6 साल की थी. टेंडर एटी लिब्रा नामक कंपनी को मिला था. एनसी परियोजना से 269 लाख क्यूबीक मीटर ओबी व 112 लाख टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य मिला था. 31 जनवरी 2018 को कार्य अवधि समाप्त हो गया. अभी तक परियोजना से 148 लाख क्यूबीक मीटर ओबी व 94 लाख टन कोयला उत्पादन हो पाया. वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017 -18 में 19 लाख क्यूबीक मीटर ओबी व 11 लाख टन कोयला उत्पादन किया गया. फिलहाल एनसी पैच बीसीसीएल द्वारा एक्सटेंशन पर चलाया जा रहा है.


ओवर रिपोर्टिंग में खा चुके हैं जेल की हवा

बताते हैं कि बस्ताकोला क्षेत्र के गोलकडीह विभागीय परियोजना में सीबीआइ ने वर्ष 2010 में भी कोयले की ओवर रिपोर्टिंग मामले में छापेमारी की थी, जिसमें तत्कालीन जीएम आरयू पांडेय, पीओ किशोर यादव, सर्वे अधिकारी एसएस सरकार व ए घोष दोषी पाये जाने पर जेल की हवा खा चुके हैं. इस बार कोयला की बजाय ओबी की हुई जम कर ओवर रिपोर्टिंग में कई अधिकारियों की गर्दन फंस गयी है.


सात दिनों तक चलेगी जांच : डीएसपी

सीबीआइ डीएसपी उमेश कुमार ने बताया कि यह जांच करीब एक सप्ताह तक जांच चलेगी. जांच के उपरांत ही कुछ स्पष्ट बताया जा सकता है. जांच टीम अभी ओबी व कोयला की मापी कर रही है. मौके पर विजिलेंस के सर्वे अधिकारी बलवंत सिंह, बीके सिन्हा, सुधाकर प्रसाद, एटी लिब्रा जीएम आरएन मिश्रा, प्रबंधक दिनेश चौधरी, ललन कुमार सिंह आदि कई अधिकारी मौजूद थे.


बस्ताकोला क्षेत्रीय कार्यालय में मचा हड़कंप

बस्ताकोला क्षेत्रीय कार्यालय में गुरुवार की सुबह करीब 10.15 बजे सीबीआइ टीम के सदस्यों के पहुंचते ही सभी विभागों में हड़कंप मच गया. टीम के सदस्यों ने दूरभाष पर जीएम पीके दुबे को छापेमारी की सूचना दिलवाया. क्षेत्रीय वित्त विभाग के आर भाष्करण व क्षेत्रीय सर्वे अधिकारी से एनसी पैंच आउटसोर्सिंग कंपनी को कोयला व ओबी उत्पादन से संबंधित कागजात की जानकारी मांगी. जीएम पीके दुबे से आउटसोर्सिंग को किये भुगतान व स्टॉक नापी के संबंध में कई महत्वपूर्ण बिंदु पर करीब एक घंटे तक पूछताछ की. वहीं सीबीआइ डीएसपी के नेतृत्व में टीम का एक दल दिन के तीन बजे दोबारा क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचा और कागजात खंगाला. सीबीआइ टीम के पुन: क्षेत्रीय कार्यालय में आते देख सिविल विभाग में बैठे कई संवेदक व कर्मी ठेका संबंधित फाइल लेकर दबे पांव कार्यालय से निकल गये.

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