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नीरज सिंह हत्याकांड का एक साल: सलाखों में शूटर और मास्टर माइंड

अमन सिंह (राजे सुलतानपुर, काजीपुर जगदीशपुर, जिला अंबेडकर नगर) को तीन मई, 2017 को मिर्जापुर में जेल के पास आर्म्स के साथ एसटीएफ द्वारा दबोचा गया था. वह मिर्जापुर जेल में बंद अपने दोस्त रिंकू सिंह से मिलने गया था. स्थानीय पुलिस उसे जेल भेजी. एसटीएफ के सामने अमन ने नीरज सिंह हत्याकांड में अपनी […]

अमन सिंह (राजे सुलतानपुर, काजीपुर जगदीशपुर, जिला अंबेडकर नगर) को तीन मई, 2017 को मिर्जापुर में जेल के पास आर्म्स के साथ एसटीएफ द्वारा दबोचा गया था. वह मिर्जापुर जेल में बंद अपने दोस्त रिंकू सिंह से मिलने गया था. स्थानीय पुलिस उसे जेल भेजी. एसटीएफ के सामने अमन ने नीरज सिंह हत्याकांड में अपनी संलिप्ता स्वीकार की. सरायढेला पुलिस वंछित अमन को ट्रांजिट रिमांड पर धनबाद लायी और कोर्ट में पेशी के बाद आठ मई को जेल भेजी. अमन को रिंकू ने पंकज सिंह का फोन देकर संपर्क करने को कहा था. पंकज से बात कर वह धनबाद आया था. धनबाद जेल में नौ मई को टीआइपी परेड में आदित्य राज ने उसकी पहचान की.

कुर्बान अली उर्फ सोनू (सरैया मुस्तफाबाद, कादीपुर, जिला सुलतानपुर) को तीन जून, 2017 को यूपी कैंट स्टेशन में गिरफ्तार किया गया. सोनू यूपी पुलिस का 25 हजार का इनामी भी है. स्थानीय पुलिस कुर्बान को जेल भेजी. सरायढेला थाना की पुलिस उसे रिमांड पर धनबाद लायी और कोर्ट में पेशी के बाद 24 जून को जेल भेजा गया. टीआइपी परेड में 29 जून को उसकी पहचान की गयी.
विजय सिंह उर्फ सागर उर्फ शिबू (राज बहादपुर, मामझर झलिया जिला सुलतानपुर) को प्रतापगढ़ में 24 जून को लोकल पुलिस ने गिरफ्तार किया. सरायढेला पुलिस ने शिबू को रिमांड पर लाकर कोर्ट में पेशी के बाद आठ जुलाई को धनबाद जेल भेजा. जेल में 10 जुलाई को टीआइपी परेड में आदित्य ने उसकी पहचान की.
चंदन सिंह उर्फ रोहित उर्फ सतीश (मधुबनी, बरैया जिला बलिया) को आठ जुलाई को वाराणसी में कारतूस व गोली के साथ पकड़ा गया. नीरज मर्डर केस में सरायढेला पुलिस ने चंदन को रिमांड पर लेकर 24 सितंबर को कोर्ट में पेशी के बाद न्यायिक हिरासत में धनबाद जेल भेजा. चंदन को 26 जुलाई को टीआइपी परेड में आदित्य राज ने पहचाना.
पंकज सिंह (बुधापुर, लंभुआ, जिला सुलतानपुर) ने यूपी के सुलतानपुर कोर्ट में 14 सितंबर को सरेंडर किया . नीरज हत्याकांड में उसे रिमांड पर धनबाद लाया गया. पंकज को हत्याकांड का मास्टर माइंड बताया गया है. शूटरों को हायर कर धनबाद लाने, ठहराने व भगाने में पंकज की खास भूमिका रही. पंकज, मुन्ना बजरंगी गैंग का शार्प शूटर है. पकंज ने शूटरों को धनबाद में रिसीव कर कुसुम विहार में ठहराया. हथियार उपलब्ध कराया और हथियार चलाने की प्रैक्टिस करायी. हत्या के बाद चारों शूटरों को भगाकर हथियार पंकज ने ले लिये. पंकज हावड़ा-अमृतसर मेल से 24 मार्च को बनारस गया था. पंकज का टिकट जौनपुर के धीरज गुप्ता के आकउंट से कटा था. धीरज का भी कोर्ट में बयान हो चुका है.
…और वकील का कहना है
विधायक संजीव सिंह के वकील मो जावेद का कहना है कि घटना 21 मार्च की है और 23 मार्च को एफआइआर दर्ज की गयी. सरायढेला थाना में एफआइआर दर्ज हुई और चिरकुंडा थानेदार को केस का आइओ बनाया गया. घटनास्थल पर गवाह के बजाय रघुकुल से जुड़े आदित्य राज को प्रत्यक्षदर्शी बताया गया. घटना के नौ माह बाद कोर्ट में आदित्य का 164 के तहत बयान करवाया गया. आदित्य नीरज सिंह के साथ गाड़ी में मौजूद नहीं था. अगर मौजूद था, तो दो दिन बाद क्यों पुलिस के समक्ष हाजिर हुआ. गवाही देने वाले सभी रघुकुल के स्टाफ हैं. पकड़े गये लोगों को मारपीट कर सादे कागज पर हस्ताक्षर करा स्वीकारोक्ति बयान लिखा गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह के हस्ताक्षर हैं, तो वह घटना की एफआइआर देर से क्यों दर्ज करायी. चार-चार लोगों की हत्या हुई और पुलिस दो दिनों तक एफआइआर के लिए इंजतार क्यों करती रही. अनुसंधान में अभियोजन पक्ष की मदद के ख्याल से लोगों का बयान दर्ज किया गया.
तीन चार्जशीट
पुलिस ने नीरज हत्याकांड में पहला चार्जशीट 29 जून, 2017 को दाखिल किया. विधायक संजीव सिंह, धनजी सिंह, संजय सिंह, पिंटू सिंह, डबलू मिश्रा व शूटर अमन सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुआ. पुलिस ने 20 सितंबर को दूसरा चार्जशीट कुर्बान अली उर्फ सोनू, बिनोद कुमार सिंह, रोहित उर्फ चंदन सिंह उर्फ सतीश व सागर सिंह उर्फ शिबू के खिलाफ दाखिल किया. तीसरा व अंतिम चार्जशीट 22 दिसंबर को पंकज सिंह के खिलाफ दाखिल किया गया. पंकज ने स्वीकारोक्ति बयान में विधायक के घर आने-जाने व संपर्क होने की बात कही है. रंजय के जिंदा रहते पंकज आया था. पंकज को संतोष ने बुलाया था. पंकज 16 फरवरी को किराये की गाड़ी से धनबाद आया था. सिंह मैंशन में रूका. फिर 20 फरवरी को चला गया. इसके बाद पंकज की विधायक से कभी कोई मुलाकात व बात नहीं है. पंकज एक मार्च को धनबाद आया तो स्टेशन पर डबलू मिश्रा रिसीव किया. लेकर कुसुम बिहार राम अहलाद राय के घर गया. यहीं पर संतोष से मुलाकात हुआ था. डबलू मिश्रा के बयान के आधार व पीड़ित पक्ष के लोगों के बयान पर ही विधायक को षडयंत्रकारी बताया गया है. डबलू व शूटर के बयान में विरोधाभास है. किसी शूटर ने प्रत्यक्ष रूप से विधायक संजीव सिंह का नाम नहीं लिया है. विधायक के खिलाफ डबलू मिश्रा का बयान ही आधार है.
21 मार्च, 2017 को धनबाद के स्टील गेट के समीप पूर्व डिप्टी मेयर और कांग्रेस नेता नीरज सिंह, उनके पीए अशोक यादव, निजी अंगरक्षक मुन्ना तिवारी और ड्राइवर घोलटू की गोली मार कर हत्या कर दी गयी. इस हत्याकांड ने जहां पूरे धनबाद कोयलांचल को झकझोर कर रख दिया, वहीं दूसरी ओर झारखंड समेत देशभर में इसकी चर्चा रही. हत्याकांड में पुलिस को अभूतपूर्व सफलता मिली. हत्याकांड को अंजाम देनेवाले चारों शूटर समेत पूरे घटनाक्रम में किसी न किसी रूप में शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. पुलिस चार्जशीट में नीरज सिंह के चचेरे भाई व झरिया के विधायक संजीव सिंह को मुख्य षडयंत्रकारी बताया गया है. संजीव सिंह इस कांड में पिछले 11 महीने से जेल में बंद हैं.
तारीख-दर-तारीख
-22 मार्च, 2017 : सरायढेला थाना में कुसुम विहार निवासी सीएफआरआइ के रिटायर्ड डिप्टी डायरेक्टर राम अहलाद राय ने लिखित शिकायत की कि उनके घर में किराये पर ठहरने वाले चार युवक घर बंद कर गायब हैं.
-23 मार्च, 2017 : नीरज सिंह के छोटे भाई अभिषेक सिंह उर्फ गुड्डू ने सरायढेला थाना में अपने चचेरे भाई व झरिया विधायक संजीव सिंह, सिद्धार्थ गौतम उर्फ मनीष सिंह और जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, गया सिंह, महंथ पांडेय के विरुद्ध हत्या की प्राथमिकी दर्ज करायी. हत्या की सीबीअाइ जांच की मांग को लेकर धनबाद स्वत:स्फूर्त बंद रहा. संजीव सिंह ने सिंह मैंशन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हत्या में मेरा या परिवार के किसी सदस्य का हाथ नहीं. सीबीअाइ जांच करा ले सरकार.
-24 मार्च, 2017 : कुसुम विहार में पुलिस ने अह्लाद राय के घर के उस कमरे की तलाशी ली, जिसमें चार शूटरों के ठहरने का संदेह था. तलाशी में शक की पुष्टि हुई. कमरा से दो बैग मिले, जिसमें उनलोगों का पहनने का कपड़ा, तीन-चार बिस्तर, पानी की बोतल, अखबारों में छपी नीरज सिंह की तस्वीर की कटिंग, शहर का नक्शा, सिगरेट के डिब्बे, जले हुए सिगरेट, कागजात व अन्य समान जब्त किये गये. इधर, पुलिस ने नामजद गया सिंह और महंथ पांडेय को पूछताछ के लिए उठाया.
-25 मार्च, 2017 : जांच टीम ने संजीव सिंह के जैप बॉडी गार्ड से पूछताछ की. पूर्व मंत्री बच्चा सिंह ने सीएम से दूरभाष पर किया सीबीआइ जांच का आग्रह. सीएम ने तीन दिन का समय देने को कहा.
-26 मार्च, 2017 : पुलिस की जांच सिंह मैंशन से जुड़े लोगों तक सिमटी. पुलिस ने संजीव के निजी बॉडीगार्ड धनजी सिंह व गाय को खिलाने वाले चुन्नू पटेल नामक युवक को पकड़ा. छानबीन में पता चला कि सिंह मैंशन से जुड़े डब्लू मिश्रा ने अपना असली नाम छुपाकर झांसा देकर 2017 के फरवरी माह में चार युवकों को मकान किराया पर दिलवाया था. इसके बाद विधायक संजीव सिंह पर हत्या का षडयंत्र रचने की दिशा में पुलिस अनुसंधान शुरू हुआ. विधायक संजीव सिंह के निजी बॉडीगार्ड धनंजय सिंह, अनुसेवक संजय सिंह, जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह व डबलू मिश्रा की संलिप्ता के साक्ष्य मिले. पुलिस ने धनजी, संजय व पिंटू को 26 मार्च को दबोची, लेकिन 29 मार्च को तीनों की गिरफ्तारी की घोषणा की गयी. पुलिस 30 मार्च को कोर्ट में पेशी के बाद तीनों को जेल भेजी. आरोप लगा कि शूटरों को बुलाकर हत्या को अंजाम दिया गया. शूटरों को किराये के घर में ठहराया था.
-27 मार्च, 2017 : सरायढेला थाना में संजीव सिंह से पूछताछ. स्व. रंजय सिंह का भाई संजय सिंह पकड़ा गया. महंथ पांडेय व गया सिंह को पूछताछ के बाद पीआर बांड पर छोड़ा गया.
-28 मार्च, 2017 : पुलिस ने तीन शूटरों का स्केच जारी किया. शूटरों को मकान किराये पर देने वाले मुन्ना उर्फ डब्लू मिश्रा की पहचान की.
-29 मार्च, 2017 : पुलिस ने हत्या के सिलसिले में तीन लोगों संजय सिंह, जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह व धनंजय सिंह उर्फ धनजी को गिरफ्तारी को सार्वजनिक तौर पर कबूला. इनके अलावा हथियार के साथ तीन अन्य लोग प्रशांत सिंह उर्फ मामा, मोनू सिंह व अशोक महतो को पकड़ा गया. पुलिस ने कहा कि हथियार के साथ पकड़े लोगों की हत्याकांड में संलिप्तता की जांच की जा रही है.
-30 मार्च, 2017 : गिरफ्तार पांच लोगों को जेल भेजा गया, जबकि तबीयत खराब होने के कारण प्रशांत सिंह उर्फ मामा को अस्पताल.
-एक अप्रैल, 2017 : रामधीर सिंह के पुत्र शशि सिंह की तलाश में सीवान के पुरैना में छापा. लेकिन वह नहीं मिला.
-दो अप्रैल, 2017 : झरिया विधायक संजीव सिंह के अनुज मनीष सिंह उर्फ सिद्धार्थ गौतम से सरायढेला थाना में एक घंटे 40 मिनट तक पूछताछ की गयी.
-पांच अप्रैल, 2017 : कुल्टी में गिरफ्तार टनटन मिश्र से धनबाद पुलिस ने की पूछताछ. नहीं मिला कोई सुराग.
-सात अप्रैल, 2017 : शूटरों को कुसुम विहार में किराये में मकान दिलाने वाले मृत्यंजय गिरि उर्फ डब्लू गिरि उर्फ डब्लू मिश्रा बिहार से गिरफ्तार.
-आठ अप्रैल, 2017 : डब्लू ने पूछताछ में कई राज खोले. उसने बताया कि धनंजय उर्फ धनजी के कहने पर उसने शूटरों को कुसुम विहार में ठहराया था. इसके बाद सिंह मैंशन के बाहर पुलिस की एक गाड़ी खड़ी कर दी गयी. अफसर जवान बदलते रहे. पहरा जारी रहा.
-नौ अप्रैल, 2017 : पुलिस ने अंदर-अंदर संजीव सिंह गिरफ्तारी की तैयारी शुरू की.
-10 अप्रैल, 2017 : हत्याकांड की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर कांग्रेस समेत विपक्ष और जमसं (बच्चा) का रणधीर वर्मा चौक पर महाधरना. दूसरी ओर सिंह मैंशन में जमसं (कुंती) गुट के समर्थक जुटे और कहा कि संकट की घड़ी में वे संजीव सिंह के साथ हैं.
-11 अप्रैल, 2017 : वारंट निकलने के बाद विधायक संजीव सिंह ने सरेंडर किया. जेल भेजे गये.

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