सारंडा क्षेत्र में सक्रिय रहा है गिरफ्तार माओवादी राजेश, आधा दर्जन विधायकों से निकट संबंध

धनबाद : राजेश संताली की गिरफ्तारी में धनबाद एसएसपी मनोज रतन चोथे व पुलिस टीम की महत्वपूर्ण भूमिका बतायी जा रही है. पारसनाथ जोन में उसे राजेश टुड्डू उर्फ टुडू दा के नाम से जाना जाता है. पति-पत्नी दोनों 25 सालों से भाकपा माओवादी संगठन में सक्रिय थे. सेंट्रल कमेटी ओड़िशा ने झारखंड के भौगोलिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 22, 2018 9:18 AM

धनबाद : राजेश संताली की गिरफ्तारी में धनबाद एसएसपी मनोज रतन चोथे व पुलिस टीम की महत्वपूर्ण भूमिका बतायी जा रही है. पारसनाथ जोन में उसे राजेश टुड्डू उर्फ टुडू दा के नाम से जाना जाता है. पति-पत्नी दोनों 25 सालों से भाकपा माओवादी संगठन में सक्रिय थे. सेंट्रल कमेटी ओड़िशा ने झारखंड के भौगोलिक वस्तुस्थिति व भाषा का जानकार होने के कारण उसे दोनों राज्यों की जिम्मेदारी सौंपी थी. उसने धनबाद के टुंडी, तोपचांची, गिरिडीह के पीरटांड़ में घटित अधिकतर कांडों का प्लान रिहर्सल करवाया था.

काम खत्म होते ही यह केंद्रीय टीम को सूचना देकर अन्यत्र के प्लान पर काम करने निकल जाता था. राजेश ने पूछताछ में बताया कि वह शुरुआती दौर में झारखंड व ओड़िशा के कतिपय लोगों के लाइसेंसी हथियार इस्तेमाल व ट्रेनिंग के लिए ले जाता था. बाद में जरूरत पड़ने पर संबंधित व्यक्ति को हथियार वापस कर देता था. पुलिस सूत्रों ने बताया कि राजेश संताली की पूरी गतिविधि सारंडा क्षेत्र में रही है, वहीं मास्टर पारसनाथ और झुमरा इलाके में वर्षों से पुलिस के लिए चुनौती पेश कर रहा था. राजेश अपनी पत्नी का इलाज कराने कुछ दिनों पहले ही अपने घर मनियाडीह आया था. ओड़िशा पुलिस भी राजेश को काफी दिनों से तलाश कर रही थी.

आधा दर्जन विधायकों से निकट संबंध
राजगंज थाना में पूछताछ के दौरान प्रभाकर टुडू उर्फ राजो संताल उर्फ उर्फ राजू उर्फ राजेश संताली उर्फ हरीश ने पुलिस को बताया है कि उसके लगभग आधा दर्जन विधायकों, कतिपय मुखिया व अन्य महत्वपूर्ण लोगों से संबंध हैं. राजेश ऑटोमैटिक विदेशी हथियार चलाने में दक्ष है. वह सीएमपी सदस्य व मास्टर ट्रेनर भी है. पारसनाथ, सारंडा, खूंटी, ओड़िशा आदि क्षेत्रों में जनअदालत लगाना व उसका निबटारा करने की जिम्मेवारी केंद्रीय कमेटी ने इसे दे रखी थी. अजय, नुनूचंद, बिपिन, दीनदयाल, प्रभा जैसे इनामी नक्सलियों को प्रशिक्षण व हथियार चलाने में दक्ष करने में इसका हाथ है.
कैदी वैन ब्रेक में फरार हुआ था मास्टर
नक्सली नेमचंद उर्फ मास्टर को मार्च, 2012 में भी गिरफ्तार किया गया था. वह गिरिडीह मंडल कारा में बंद था. 9 नवंबर, 2012 को मुफस्सिल थाना इलाके के अजीडीह में गिरिडीह से बंदियों को जेल लेकर जा रहे वाहन पर नक्सलियों ने हमला बोल दिया था. हमले के दौरान नेमचंद फरार हो गया था. फरारी के बाद वह पुन: संगठन के लिए काम करने लगा और गिरिडीह-जमुई, मुंगेर के इलाके में सक्रिय था.
हाल के दिनों में कई इनामी धराये
-तीन-चार दिन पूर्व भी धनबाद से पांच लाख का इनामी सब
-जोनल कमांडर विमल भुईयां को गिरफ्तार किया गया था. वहीं
-भाकपा माओवादी के स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य और 25 लाख के इनामी सुनील मुर्मू उर्फ सुनील मांझी के अलावा पांच-पांच लाख के इनामी दिनेश चार्ल्स उर्फ शेखर और सोहन को गिरिडीह से गिरफ्तार किया गया था.

Next Article

Exit mobile version