उम्रकैद व दस हजार रुपये जुर्माना की सजा

धनबाद : फहीम खान की मां नजमा खातून और मौसी शहनाज खातून की हत्या के मामले में शुक्रवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सप्तम सत्य प्रकाश की अदालत ने सजा के बिंदु पर फैसला सुनाते हुए जेल में बंद शाहिद आलम को भादवि की धारा 148 में दो वर्ष जबकि भादवि की धारा 302 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 24, 2018 3:17 AM

धनबाद : फहीम खान की मां नजमा खातून और मौसी शहनाज खातून की हत्या के मामले में शुक्रवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सप्तम सत्य प्रकाश की अदालत ने सजा के बिंदु पर फैसला सुनाते हुए जेल में बंद शाहिद आलम को भादवि की धारा 148 में दो वर्ष जबकि भादवि की धारा 302 में उम्रकैद व दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी. अपर लोक अभियोजक अनिल कुमार झा भी अदालत में मौजूद थे.

18 अक्तूबर 2001 को की गयी थी हत्या : आरोप के अनुसार 18 अक्तूबर 2001 को साबिर आलम, बाबू आलम, वाहिद आलम, असगर, मिनहाज, अशफाक, लाडले एवं तीन अन्य लोग अपने हाथों में पिस्तौल लेकर एक साथ 2. 15 बजे दिन में डायमंड रेलवे क्रॉसिंग के पास गये और सूचक शेर खान की मां नजमा खातून और मौसी शहनाज खातून को घेर लिया तथा गोली मार दी. घटनास्थल पर ही दोनों की मौत हो गयी. इससे बाद सभी मारुति से भाग गये.
घटनास्थल पर एक देसी पिस्तौल तथा फायर की हुई दो गोली पुलिस ने बरामद की. घटना के बाद शेर खान ने धनबाद थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी. इस मामले में साबिर आलम को वर्ष 2007 में अदालत ने सजा सुनायी थी. केस के आइओ गोपीनाथ तिवारी ने पांच जनवरी 02 को चार्जशीट दायर किया. अदालत ने 20 मार्च 07 को शाहिद आलम के खिलाफ आरोप गठित कर केस का विचारण शुरू किया. अभियोजन ने शेर खान, मो सोनू खान, गुलाम मोहम्मद, इनदाद अहमद उर्फ गुड्डू, डाॅ सीएस प्रसाद, आइओ गोपीनाथ तिवारी व एसएन तिवारी का मुख्य परीक्षण कराया.

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