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झारखंड : कोल इंडिया की हड़ताल में शामिल होगी इंटक

धनबाद : चार यूनियनों द्वारा कमर्शियल माइनिंग के खिलाफ 16 अप्रैल को प्रस्तावित हड़ताल में इंटक भी शामिल होगी. हड़ताल से पहले चार अप्रैल को धनबाद में आयोजित संयुक्त कन्वेंशन में भी इंटक के नेता शामिल होंगे. हड़ताल का प्रस्ताव बीएमएस, एटक, सीटू और एचएमएस ने किया है. मालूम हो कि 20 फरवरी को केंद्र […]

धनबाद : चार यूनियनों द्वारा कमर्शियल माइनिंग के खिलाफ 16 अप्रैल को प्रस्तावित हड़ताल में इंटक भी शामिल होगी. हड़ताल से पहले चार अप्रैल को धनबाद में आयोजित संयुक्त कन्वेंशन में भी इंटक के नेता शामिल होंगे. हड़ताल का प्रस्ताव बीएमएस, एटक, सीटू और एचएमएस ने किया है.
मालूम हो कि 20 फरवरी को केंद्र सरकार ने कोयला उद्योग में कमर्शियल माइनिंग की अनुमति देने की घोषणा की थी, जिसका सभी यूनियन विरोध कर रहे हैं.
आंदोलन की रणनीति बनाने के लिए चार मार्च को दिल्ली में चार यूनियन की बैठक हुई, जिसमें इंटक शामिल नहीं हुई थी. इस बैठक में 16 अप्रैल को हड़ताल करने का निर्णय लिया गया. 14 मार्च को चार यूनियनों में नेताओं ने हड़ताल नोटिस कोल इंडिया चेयरमैन और कोल सचिव को दे दिया. इधर, इंटक ने 12 मार्च को आसनसोल में बैठक कर 16 मार्च को हड़ताल के दिन डबल उत्पादन करने का निर्णय लिया.
इस निर्णय की जम कर आलोचना हुई. 19 मार्च को दिल्ली में इंटक की फिर बैठक हुई. इसमें हड़ताल में शामिल होने समेत सभी निर्णय लेने के लिए इंटक अध्यक्ष संजीवा रेड्डी को अधिकृत किया गया. बताया जाता है कि इंटक अध्यक्ष डॉ रेड्डी ने 19 मार्च को सभी केंद्रीय यूनियनों के नेताओं से बात की. रेड्डी ने सरकार की नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की बात कहते हुए अन्य यूनियनों को हड़ताल की तारीख फिर से तय करने को कहा. दूसरे संगठन के नेताओं ने तारीख आगे बढ़ाने से इनकार करते हुए कहा कि पहले इंटक चार अप्रैल के संयुक्त अधिवेशन में शामिल हो फिर तारीख पर बात होगी.
इधर, रविवार को एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेंद्र कुमार ने इंटक के महामंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह से बात की. चर्चा है कि रमेंद्र कुमार, राजेंद्र सिंह से बेरमो स्थित उनके आवास पर मिले, जिसमें हड़ताल को लेकर फिलहाल सहमति बन गयी है.

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