राज्यसभा चुनाव में वोटिंग को लेकर राजनीति गरमायी

मासस को बदनाम करने की हो रही साजिश : आनंद विरोधियों ने बंटवाया पर्चा धनबाद : राज्यसभा चुनाव परिणाम को लेकर कोयलांचल में राजनीतिक माहौल गरमा गया है. पक्ष-विपक्ष के निशाने पर हैं निरसा के विधायक अरूप चटर्जी. जबकि मासस पूरी तरह से अपने विधायक के साथ मजबूती से खड़ी है. क्यों बढ़ा विवाद : […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 27, 2018 5:10 AM

मासस को बदनाम करने की हो रही साजिश : आनंद

विरोधियों ने बंटवाया पर्चा
धनबाद : राज्यसभा चुनाव परिणाम को लेकर कोयलांचल में राजनीतिक माहौल गरमा गया है. पक्ष-विपक्ष के निशाने पर हैं निरसा के विधायक अरूप चटर्जी. जबकि मासस पूरी तरह से अपने विधायक के साथ मजबूती से खड़ी है.
क्यों बढ़ा विवाद : इस बार राज्यसभा चुनाव में भाजपा से दूसरे प्रत्याशी के रूप में प्रदीप सोंथालिया खड़े थे. श्री सोंथालिया धनबाद के जाने-माने उद्योगपति हैं. उनके प्राय: सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से अच्छे संबंध रहे हैं. इस चुनाव में उन्हें एनडीए के घोषित समर्थकों के अलावा दो अन्य विधायकों का भी मत मिला. इसमें से एक प्रकाश राम का नाम तो सामने आ गया है.
दूसरे के नाम को ले कर ऊहापोह कायम है. इसमें जेवीएम के विधायक प्रदीप यादव एवं मासस के अरूप चटर्जी का नाम सामने आ रहा है. मासस एवं जेवीएम दोनों ही पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप लगा रही है. विपक्षी झामुमो के कुछ नेता भी मासस के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. जबकि भाजपा के स्थानीय नेता चुप्पी साधे हुए हैं.
विपक्षी एकता तोड़ने की कोशिश : मासस
मासस के केंद्रीय अध्यक्ष आनंद महतो ने सोमवार को यहां एक बयान जारी कर दावा किया कि राज्यसभा चुनाव में पार्टी के विधायक अरूप चटर्जी ने कांग्रेस के धीरज साहू को वोट दिया था. यह बात कांग्रेस सहित विपक्ष के सभी नेता जानते हैं. वामपंथी दल हमेशा से सांप्रदायिक दलों से दूर रहे हैं. मासस ने कभी भी भाजपा प्रत्याशी को वोट नहीं दिया. जान-बूझ कर अफवाह फैलायी जा रही ताकि यहां विपक्ष की एकता टूट जाये. कहा कि मासस चुनाव आयोग से पार्टी विधायक के मत को सार्वजनिक करने की मांग करती है.
सोशल मीडिया के जरिये भी लग रहे आरोप
दूसरी तरफ, निरसा क्षेत्र में एक पर्चा बंटवाया जा रहा है. निरसा विधानसभा क्षेत्र की जनता के नाम से प्रसारित इस पर्चा में विधायक अरूप चटर्जी पर कई आरोप लगाये गये हैं. कहा गया है कि निरसा के विधायक ने क्षेत्र की जनता के साथ विश्वासघात किया है. बार-बार भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया, जिसके चलते 2016 के राज्यसभा चुनाव में यहां से भाजपा प्रत्याशी विजयी हुए.

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