धनबाद: नगर पालिका से नगर निगम तक का 100 साल का गौरवमयी सफर

12 लोगों से शुरू हुई थी नगर पालिका धनबाद : धनबाद नगर निगम वर्ष 2018-19 को शताब्दी वर्ष के रूप में मनायेगा. एक अप्रैल 1919 को ब्रिटिश हुकूमत ने बैंक मोड़ में धनबाद नगर पालिका की स्थापना की थी. तब से लेकर अभी तक धनबाद नगर निगम तक का सफर गौरवपूर्ण रहा है. महज एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 2, 2018 9:52 AM
12 लोगों से शुरू हुई थी नगर पालिका
धनबाद : धनबाद नगर निगम वर्ष 2018-19 को शताब्दी वर्ष के रूप में मनायेगा. एक अप्रैल 1919 को ब्रिटिश हुकूमत ने बैंक मोड़ में धनबाद नगर पालिका की स्थापना की थी. तब से लेकर अभी तक धनबाद नगर निगम तक का सफर गौरवपूर्ण रहा है.
महज एक दर्जन पदाधिकारियों व कर्मचारियों से शुरू नगरपालिका अब नगर निगम के रूप में बदल गया है. निगम में आज अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक की भारी टीम है. इसके साथ नगर आयुक्त, उप नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त सहित दो हजार पदाधिकारी व कर्मी हैं. वर्तमान में नगर निगम के मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल हैं.
मिस्टर लुबी थे नगर पालिका के पहले अध्यक्ष : मेयर श्री अग्रवाल बताते हैं कि धनबाद नगरपालिका के पहले अध्यक्ष आइसीएस अफसर मिस्टर लुबी थे. मिस्टर लुबी ने धनबाद के लिए काफी कुछ किया. उनके नाम से ही शहर में लुबी सकुर्लर रोड है. वह लंबे समय तक धनबाद में रहे. उन्हें एक बेहतरीन अधिकारी माना गया.
2006 में धनबाद नगर निगम का गठन
वर्ष 2006 में धनबाद नगर निगम का गठन किया गया. धनबाद नगर निगम का गठन शहरी इलाकों के 32 कस्बों और 258 गांवों को मिलाकर किया गया था. शहरी इलाकों में धनबाद नगर पालिका, झरिया, सिंदरी, छाताटांड़, कतरास को जोड़ा गया. वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार नगर निगम की कुल आबादी 13,33,719 थी. 2006 में कुल क्षेत्रफल लगभग 355.77 वर्ग किलोमीटर था. निगम की पहली मेयर इंदु देवी थी.
नगरपालिका के बाद में मानभूम से धनबाद बना : अंग्रेजी हुकूमत में वर्ष 1919 में नगर पालिका बनी, तो आजादी के लगभग नौ वर्ष के बाद 1956 में धनबाद जिला अस्तित्व में आया. जानकारों की मानें तो 1928 में पुराने धनबाद और चंदनकियारी डिवीजन को मिला कर धनबाद बनाने की बात रखी गयी थी. 24.10.1956 को राज्य पुनर्निर्माण आयोग के नोटिफिकेशन से धनबाद जिला 01.11.1956 को अस्तित्व में आया. इसके बाद यहां उपायुक्त के पद का सृजन किया गया.
मेयर ने कहा कि धनबाद के लिए यह गौरव की बात है. आजादी से भी पहले स्थापित नगरपालिका शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर गयी है. नगर निगम आज जिले की सबसे बड़ी संस्था के रूप में कार्य रह रही है. निगम के नागरिकों के प्रति हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ी है. आशा है कि आने वाले समय में निगम नागरिकों को हर सुविधा उनके घरों तक मुहैया करायेगा. धनबाद सिटी को बेहतर मुकाम देना है.
आज बाबूडीह में समारोह
नगर निगम की ओर से शताब्दी वर्ष को लेकर बाबूडीह स्थित विवाह भवन में सोमवार को समारोह का आयोजन किया जायेगा. इसमें मजदूरों के बीच स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड का वितरण किया जायेगा. इसके साथ गृह प्रवेश के लाभार्थियों को पासबुक दिया जायेगा. कार्यक्रम में मेयर, नगर आयुक्त राजीव रंजन आदि मौजूद रहेंगे.

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