धनबाद : नौवीं के छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत
धनबाद : टुंडी प्रखंड के ठेठाटांड़ स्थित बाबा दूधनाथ उत्क्रमित मध्य विद्यालय में नौवीं के छात्र प्रदीप सोरेन (14) की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हो गयी. प्रदीप बुधवार की शाम से स्कूल के हॉस्टल से लापता था. गुरुवार की सुबह कुछ लोगों ने कोल्हर के पास उसे सड़क किनारे देखा. छात्र को टुंडी सीएचसी, फिर […]
धनबाद : टुंडी प्रखंड के ठेठाटांड़ स्थित बाबा दूधनाथ उत्क्रमित मध्य विद्यालय में नौवीं के छात्र प्रदीप सोरेन (14) की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हो गयी. प्रदीप बुधवार की शाम से स्कूल के हॉस्टल से लापता था. गुरुवार की सुबह कुछ लोगों ने कोल्हर के पास उसे सड़क किनारे देखा. छात्र को टुंडी सीएचसी, फिर पीएमसीएच ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.
पोस्टमार्टम में प्रदीप के पेट से संदिग्ध जहर मिला है. मौत के वास्तविक कारणों के लिए चिकित्सकों ने बिसरा सुरक्षित कर लिया है. प्रदीप गिरिडीह जिला के पीरटांड़ के तिलैया गांव का रहने वाला था. प्रदीप की मौत की जानकारी मिलने पर यहां पहुंचे उसके पिता विनोद सोरेन ने स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया. पिता ने जिला प्रशासन से मामले की जांच की मांग की है. विनोद सोरेन पेशे से मजदूर है. प्रदीप का छोटा भाई संदीप सोरेन भी इसी स्कूल में कक्षा दो में पढ़ता है.
सामने आयी स्कूल प्रबंधन की लापरवाही : बुधवार की शाम हॉस्टल के बच्चों की काउंटिंग की गयी. इस दौरान प्रदीप अपने हॉस्टल से गायब था. उसके गायब होने की भनक न वार्डन को लगी, न स्कूल प्रबंधन को. आज सुबह प्राचार्य संजय पांडेय व शिक्षक त्रिलोचन पांडेय को जानकारी मिली कि स्कूल का एक छात्र प्रदीप सोरेन कोल्हर के पास झाड़ियों को पकड़ कर खड़ा है. उसकी तबीयत काफी खराब है.
छात्रों के साथ त्रिलोचन पांडेय वहां गये. प्रदीप को टुंडी सीएचसी ले जाया गया. गंभीर हालत देख चिकित्सकों ने उसे पीएमसीएच भेज दिया. यहां पूर्वाह्न 10.45 बजे भर्ती कराया गया. इलाज के दौरान प्रदीप ने दोपहर 1.50 बजे दम तोड़ दिया. लगभग दो बजे प्रदीप के पिता विनोद सोरेन व चचेरा भाई पीएमसीएच पहुंचे. मृत प्रदीप को देख दोनों फूट-फूट कर रोने लगे.
स्कूल टॉपर प्रदीप सोरेन बनना चाहता था आइआइटी इंजीनियर
प्रदीप सोरेन अपने स्कूल का टॉपर स्टूडेंट था. उसने कक्षा दो से यहां पढ़ाई शुरू की थी. नौवीं तक की पढ़ाई में प्रदीप कई बार स्कूल टॉपर बना. मैथ, साइंस पर अच्छी पकड़ थी. पिता विनोद ने बताया कि आगे चल कर प्रदीप आइआइटी इंजीनियर बनना चाहता था. वह इंजीनियर बन देश की सेवा करना चाहता था. हमेशा पढ़ाई में डूबा रहता था. घटना ने उनके सपनों को खत्म कर दिया है. विनोद ने कहा कि वह किसानी-मजदूरी कर बेटे को यहां पढ़ा रहे थे.
शिक्षकों पर विलंब से सूचना देने का आरोप
विनोद सोरेन ने बताया कि स्कूल प्रबंधन ने घटना की सूचना उसे नहीं दी थी. छात्रों ने ही फोन कर बताया कि प्रदीप ने कोई जहरीला पदार्थ खा लिया है. घंटों बाद शिक्षकों का फोन आया कि प्रदीप की तबीयत गंभीर है. पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है. शिक्षकों का कहना था कि प्रदीप अपनी फुआ के घर गया था. जब परिजन ने फुआ के यहां बात की तो पचा चला कि वह वहां गया ही नहीं था.
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर प्रदीप हॉस्टल से गायब कैसे हो गया. वार्डन लक्ष्मण राम व शिक्षक कहां थे. शिक्षक त्रिलोचन पांडेय ने बताया कि परिजनों को घटना की बाबत कई बार सूचना देने की काेशिश की गयी. उनका फोन नहीं लग रहा था. प्रदीप की तबीयत खराब हो रही थी, इसलिए अस्पताल ले जाने पर ज्यादा ध्यान दिया गया. कहा कि स्कूल प्रबंधन से लापरवाही नहीं हुई है. प्रदीप चुपके से गायब हो गया था. दोस्तों को बताया था कि अपनी फुआ के घर चकाई-मानपुर जा रहा है.
पुलिस के आवदेन पर परिजनों को था एतराज
सरायढेला पुलिस के लिखे आवेदन पर विनोद सोरेन ने काफी एतराज जताया. परिजन आवेदन पर साइन नहीं कर रहे थे. विनोद का कहना था कि आवेदन में लिखा है कि पुत्र ने जहर खा लिया है तथा किसी पर कोई शक नहीं है, जबकि उसका बेटा जहर खुद से नहीं खा सकता था. वह अभी बच्चा था. इस बात पर पोस्टमार्टम हाउस के पास काफी देर तक पुलिस से बहस होती रही. पुलिस ने कहा कि जो रिपोर्ट देनी है, टुंडी थाना में जाकर दें. यहां से प्रारंभिक रिपोर्ट टुंडी भेजी जा रही है. आखिरकर परिजनों ने पेपर पर साइन कर दिया.