ढाई लाख में डीप बोरिंग, पर नहीं मिला पानी

धनबाद : पीएमसीएच में विधायक निधि के ढाई लाख रुपये की लागत से करायी गयी बोरिंग में एक बूंद भी पानी नहीं मिला. गर्मी को देखते हुए पीएमसीएच प्रबंधन ने जब पानी निकालने की कोशिश की तो पानी ही नहीं निकला. पीएमसीएच प्रबंधन ने पेजयल एवं स्वच्छता विभाग को पत्र लिख कर बोरिंग की जांच […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 22, 2018 5:57 AM
धनबाद : पीएमसीएच में विधायक निधि के ढाई लाख रुपये की लागत से करायी गयी बोरिंग में एक बूंद भी पानी नहीं मिला. गर्मी को देखते हुए पीएमसीएच प्रबंधन ने जब पानी निकालने की कोशिश की तो पानी ही नहीं निकला. पीएमसीएच प्रबंधन ने पेजयल एवं स्वच्छता विभाग को पत्र लिख कर बोरिंग की जांच करने को कहा है.
इधर, गर्मी आते ही एक बार फिर से पीएमसीएच में जल संकट शुरू हो गया है. पानी के लिए मरीज व उनके तीमारदार को भटकना पड़ रहा है. बता दें कि पीएमसीएच मैथन जलापूर्ति योजना के पानी पर निर्भर है. पानी बंद होने से इसका सीधा असर अस्पताल के मरीजों पर पड़ता है.
13 जनवरी को हुआ था उद्घाटन
पीएमसीएच में जल संकट को देखते हुए विधायक राज सिन्हा ने विधायक निधि से यहां 13 जनवरी 2018 को डीप बोरिंग का उदघाटन किया. उदघाटन के वक्त बोरिंग से पानी निकलने पर लोगों में खुशी देखी गयी. जनप्रतिनिधि व अस्पताल प्रबंधन में प्रसन्नता थी, लेकिन अब पानी नहीं मिलने से परेशानी होने लगी है.
पहले भी चार बार फेल हो चुकी है बोरिंग
पीएमसीएच में जलसंकट के स्थायी निदान के लिए कई बार डीप बोरिंग करायी गयी. लेकिन हर बार प्रबंधन असफल साबित हुआ. वर्ष 2006 से 2014 तक पीएमसीएच में चार बार डीप बोरिंग करायी गयी. लेकिन एक बूंद भी पानी नहीं निकला. डीप बोरिंग में खर्च हुए पैसे भी बेकार चले गये. अब विधायक निधि से करायी गयी डीप बोरिंग में पानी नहीं होने से इसका भी वही हाल होने की आशंका बन गयी है.
500 फुट में भी नहीं मिला रहा पानी
पीएमसीएच में अब तक तीन से पांच सौ फुट पर डीप बोरिंग करायी गयी है. लेकिन जानकारों की मानें को अस्पताल परिसर में पानी का लेयर काफी नीचे हैं अौर यह लेयर भी लगातार नीचे ही जा रहा है. पांच सौ फुट बोरिंग के बावजूद पानी नहीं निकलना इसका परिणाम है.
पीएमसीएच ने पेयजल विभाग से 10 टंकी मांगी
इधर, पानी की समस्या को देखते हुए अधीक्षक डॉ एस सान्याल ने पेयजल व स्वच्छता विभाग से पांच हजार लीटर क्षमता की दस प्लास्टिक की टंकी की मांग की. हालांकि पेयजल विभाग का कहना था कि अब यह बंद हो गया है. अधीक्षक ने बताया कि पेयजल से टंकी नहीं मिली, तो पीएमसीएच खुद इसका क्रय करेगा. ताकी पर्याप्त मात्रा में पानी का स्टोर किया जा सके.

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