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झारखंड : जानिए क्‍यों 10वीं के 25 छात्रों को स्कूल प्रबंधन ने हॉस्टल से निकाला

धनबाद : करे कोई, भरे कोई’ यह कहावत रविवार को महर्षि मेंही विद्यापीठ, कोलाकुसमा में चरितार्थ हुई. महर्षि मेंही विद्यापीठ प्रबंधन ने 2018-19 सत्र के दसवीं के 25 छात्रों को हॉस्टल से निकाल दिया है. इन छात्रों के खिलाफ आरोप है कि नौवीं में पढ़ते हुए इन्होंने पूर्ववर्ती बैच दसवीं के छात्रों द्वारा की जाने […]

धनबाद : करे कोई, भरे कोई’ यह कहावत रविवार को महर्षि मेंही विद्यापीठ, कोलाकुसमा में चरितार्थ हुई. महर्षि मेंही विद्यापीठ प्रबंधन ने 2018-19 सत्र के दसवीं के 25 छात्रों को हॉस्टल से निकाल दिया है. इन छात्रों के खिलाफ आरोप है कि नौवीं में पढ़ते हुए इन्होंने पूर्ववर्ती बैच दसवीं के छात्रों द्वारा की जाने वाली शैतानियों में मदद की थी.
स्कूल प्रबंधन को भय सता रहा था कि अब जबकि ये छात्र दसवीं में आ गये हैं तो ये भी पूर्व सीनियर्स की तरह शरारत करेंगे. स्कूल प्रबंधन ने हॉस्टल में रहने वाले दसवीं के सभी 25 छात्रों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. मार्च में ये सभी छात्र नौवीं की वार्षिक परीक्षा पास कर दसवीं में आये हैं. रविवार को स्कूल में अभिभावकों के साथ इस मुद्दे पर बैठक का आयोजन किया गया था. इसी बैठक में स्कूल प्रबंधन ने अपने फैसले से इन्हें अवगत करवाया.
हालांकि स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को बाहर में लॉज सुविधा देने का भरोसा दिया है, लेकिन इस पर कोलकाता, बोकारो, गिरिडीह, बिहार के कई जिलों व धनबाद के सुदूर ग्रामीण इलाकों से पहुंचे अभिभावकों तैयार नहीं हुए और प्रबंधन के समक्ष अपना विरोध दर्ज करवाया. अभिभावकों का कहना था कि उनके बच्चे कई वर्षों से स्कूल के हॉस्टल में रह रहे हैं. अब अचानक दसवीं में उन्हें हॉस्टल से बाहर निकाल दिया गया. बच्चे इतने बड़े नहीं हैं कि बाहर लॉज में रह कर स्कूल में पढ़ाई कर सकें. इनका आरोप है कि ऐसे में बच्चों का भविष्य बर्बाद हो जायेगा, क्योंकि दसवीं में उनका कहीं आैर नामांकन भी नहीं होगा.
स्कूल प्रबंधन का आरोप ः स्कूल प्रबंधन का आरोप है कि पिछले सत्र के दौरान हॉस्टल में रहने वाले दसवीं के छात्रों ने काफी शरारत की थी. स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरे, स्मार्ट क्लास रूम, कार्यालय सहित हॉस्टल के कमरों को काफी नुकसान पहुंचाया था. वर्तमान बैच के छात्र (तब नौवीं के छात्र) भी सीनियर साथियों के मौन समर्थक थे. इस संबंध में सभी अभिभावकों को दो बार सूचित किया जा चुका है. स्कूल प्रबंधन का कहना है कि इन छात्रों को स्कूल से नहीं निकाला गया है. वे बाहर रह कर स्कूल में पढ़ाई कर सकते हैं.
छात्रों को अनुशासन पसंद नहीं ः स्कूल के निदेश संजीव घोष ने कहा कि इन छात्रों को स्कूल के अनुशासन में रहना पसंद नहीं है. स्कूल प्रबंधन परीक्षा में बेहतर परिणाम के लिए इन पर सख्ती करता है, लेकिन दसवीं के बच्चों ने स्कूल को काफी नुकसान पहुंचाया है. इसलिए इन्हें हॉस्टल में नहीं रखने का निर्णय लिया गया है. हालांकि उन्हें स्कूल प्रबंधन बाहर में लॉज सुविधा देने को तैयार है.
2005 से संचालित है स्कूल ः महर्षि मेंही विद्यापीठ कोलाकुसमा में 2005 से संचालित है. सीबीएसइ से संबद्ध इस आवासीय स्कूल में पहली कक्षा से लेकर दसवीं तक की पढ़ाई होती है. स्कूल में करीब एक हजार छात्र पढ़ते हैं. इनमें से करीब 350 छात्रों को हॉस्टल की सुविधा दी जाती है. यहां बंगाल और बिहार भी पढ़ाई करते हैं. स्कूल संचालन महर्षि मेंही विद्या विकास ट्रस्ट द्वारा किया जाता है.

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