धनबाद : क्राइम कंट्रोल में मददगार साबित हो रहा एएमपीआर
धनबाद : धनबाद शहर में की गतिविधि को सिस्टम में बांधने की योजना पर पुलिस विभाग ने काम शुरू किया है. राज्य में पहली बार एक ऐसा कैमरा शहर के मुख्य चौकों पर लगाया गया है, जिससे कंप्यूटर पर समस्त गतिविधि कैद हो जायेगी. इतना ही नहीं, लगभग एक माह तक सभी नंबरों का बैकअप […]
धनबाद : धनबाद शहर में की गतिविधि को सिस्टम में बांधने की योजना पर पुलिस विभाग ने काम शुरू किया है. राज्य में पहली बार एक ऐसा कैमरा शहर के मुख्य चौकों पर लगाया गया है, जिससे कंप्यूटर पर समस्त गतिविधि कैद हो जायेगी. इतना ही नहीं, लगभग एक माह तक सभी नंबरों का बैकअप भी रहेगा है. सीसीआर में 100 डायल कंट्रोल रुम से पूरी निगरानी होती है.
वह कैमरा है ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकोनाइजेशन (एएमपीआर). यह कैमरा मेमको मोड़, गोल बिल्डिंग चौक, नया बाजार ओवरब्रिज के नीचे (भूली मोड़), पोलिटेक्निक मोड़, धनसार चौक व मटकुरिया चेकपोस्ट पर लगे हैं. कई अन्य इंट्री प्वाइंट पर भी इसे लगाने की योजना है.
क्या है एएमपीआर कैमरा
एएमपीआर (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकोनाइजेशन) कैमरा से वाहनों का नंबर रिकोनाइज्ड होकर कंट्रोल रूम के वाल स्क्रीन पर आता है. स्क्रीन से कंप्यूटर में चला जाता है. कंप्यूटर स्क्रीन पर संबंधित नंबरों को देखा जाता है.
अन्य कैमरे भी पहले से हैं लगे :
इसका अलावा शहर में 10 पीटीजेएच कैमरा व 80 अन्य कैमरा भी लगे हुए हैं. पीटीजेड कैमरा से कंप्यूटर स्क्रीन पर उसे जुमल लार्ज या जिधर चाहे घुमाकर देखा जा सकता है. शहर की पूरी गतिविधियां कैमरे में कैद हो रही है. चौबीस घंटे एक सौ से अधिक कैमरों से शहर की निगरानी 110 डायल कंट्रोल रूम से हो रहा है. बिग बाजार, स्टील गेट, मेमको मोड़, सिटी सेंटर, हीरापुर हटिया, पुराना बाजार, नया बाजार, सुभाष चौक, आरा मोड़, पूजा टाकिज मोड़, स्टेशन रोड, श्रमिक चौक, जेपी चौक, कोर्ट कैंपस आदि जगहों पर कैमरे लगे हैं. कंट्रोल रूम में आधा दर्जन पुलिस कांस्टेबल पाली वार ड्यूटी कर स्क्रीन वाल कैमरे की निगरानी करते हैं. अगले फेज में झरिया. कतरास, गोविंदपुर, निरसा व चिरकुंडा में भी सीसीटीवी कैमरा लगाये जाने की योजना है.
क्राइम कंट्रोल में मददगार है एएमपीआर : एसएसपी
एसएसपी मनोज रतन चोथे ने कहा कि इससे किसी अपराधी को पकड़ने में आसानी होगी, क्योंकि शहर के इंट्री व एक्जिट प्वाइंट पर एएमपीआर लगाया गया है. क्राइम कर वाहन से भागने वालों का सुराग मिल सकता है. क्राइम कंट्रोल में यह मददगार साबित होगा. कैमरे से शहर की गतिविधियों की निगरानी कंट्रोल रूम से हो रही है.