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धनबाद : कोल कर्मियों की पेंशन में 60 फीसदी तक कटौती!

धनबाद : कोयला मंत्रालय कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों के कोल कर्मियों की पेंशन में कटौती का प्रस्ताव कोल माइंस प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (सीएमपीएफओ) को भेजा है. जानकारी के अनुसार प्रस्ताव के लागू होने से कोल कर्मियों की पेंशन में 60 फीसदी तक कटौती संभव है. इससे करीब पांच लाख रिटायर्ड कर्मचारी सीधे प्रभावित होंगे. […]

धनबाद : कोयला मंत्रालय कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों के कोल कर्मियों की पेंशन में कटौती का प्रस्ताव कोल माइंस प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (सीएमपीएफओ) को भेजा है. जानकारी के अनुसार प्रस्ताव के लागू होने से कोल कर्मियों की पेंशन में 60 फीसदी तक कटौती संभव है. इससे करीब पांच लाख रिटायर्ड कर्मचारी सीधे प्रभावित होंगे. ट्रेड यूनियनों के कड़े प्रतिरोध को देखते हुए सीएमपीएफ ने पांच सदस्यीय कमेटी बना दी है. कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही प्रस्ताव पर अंतिम रूप से कोई फैसला होगा.
मंत्रालय व यूनियनों में जिच : यूनियनों के विरोध के बाद भी कोल मंत्रालय अपने प्रस्ताव पर अड़ा हुआ है. इस बाबत एटक नेता व जेबीसीसीआई सदस्य लखनलाल महतो का कहना है कि सरकार कर्मचारियों के बुढ़ापे की लाठी को कमजोर करने की कोशिश में है. सभी कोयला मजदूरों और ट्रेड यूनियनों को मिलकर लड़ना होगा. सरकार कोशिश में सफल हो गयी तो बड़ा नुकसान होगा. सीटू नेता व जेबीसीसीआई सदस्य डीडी रामानदंन कहते हैं कि प्रस्ताव से पेंशनधारी और भविष्य में रिटायर होने वालों को काफी नुकसान होगा. इसका जोरदार विरोध किया जायेगा.
पेंशन में कटौती की अनिवार्यता का फंडा
गौरतलब है कि पिछले महीने सीएमपीएफ के बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की मीटिंग में मंत्रालय ने उक्त प्रस्ताव दिया है. बताते चलें कि पेंशन फंड फिलहाल करोड़ों के घाटे में है. ऐसे में पेंशन फंड के लंबे समय तक चलाने के लिए सरकार का मानना है कि वर्तमान में मिलने वाली और भविष्य में तय होने वाली पेंशन में कटौती करनी होगी. पेंशन फंड को मंजबूत करने की जिम्मेदारी कमेटी को दी गयी है. रिकॉर्ड नोट भी यही जारी हुआ है. बाद में कमेटी का काम बदल दिया गया. कहा गया कि कमेटी वर्तमान पेंशनधारियों और भविष्य में रिटायर होने वालों की पेंशन स्कीम में संशोधन की सिफारिश करेगी.

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