15 झोलाछाप होंगे गिरफ्तार

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच में पाया है फर्जी धनबाद : झोला छाप (बिना डिग्री के चिकित्सा करने वाले) के खिलाफ चल रही छापेमारी में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 15 लोगों की डिग्री फर्जी पायी है. इनके खिलाफ जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है. एसडीओ अनन्य मित्तल ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 8, 2018 9:21 AM
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच में पाया है फर्जी
धनबाद : झोला छाप (बिना डिग्री के चिकित्सा करने वाले) के खिलाफ चल रही छापेमारी में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 15 लोगों की डिग्री फर्जी पायी है. इनके खिलाफ जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है. एसडीओ अनन्य मित्तल ने ऐसे लोगों पर एफआइआर दर्ज कर गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है.
संबंधित प्रखंड चिकित्सा प्रभारियों को अपने-अपने इलाके के इन झोलाछाप पर केस करने को कहा है. इसके साथ ही झोलाछाप को गिरफ्तार कर क्लिनिक या नर्सिंग होम को सील करने का निर्देश दिया गया है. प्रभात खबर में झोलाछाप के कारण मारे जा रहे लोगों की खबर को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. बता दें कि अाये दिन कहीं न कहीं झोलाछाप के कारण मरीज की जान जा रही है.
बाघमारा, सदर, गोविंदपुर व झरिया के झोलाछाप पर कार्रवाई : स्वास्थ्य विभाग की विशेष टीम ने 14 अप्रैल 2017 व 18 जनवरी 2018 में 16 लोगों को झोलाछाप के रूप में चिह्नित किया था. इनके पास न वैध डिग्री मिली, न कोई कागजात. इन झोलाछाप के खिलाफ अब जांच पूरी हो गयी है.
16 झोलाछाप में से एक झोलाछाप नीरज रमण पिछले दिनों राजगंज से गिरफ्तार हुआ है. जबकि शेष 15 लोगों को गिरफ्तार करना है. बाघमारा में पांच, धनबाद सदर में पांच, गोविंदपुर में दो व झरिया में तीन झोलाछाप पर केस करने की तैयारी है.
पैरवीकार चिकित्सक भी होंगे गिरफ्तार : पिछले दिनों नीरज रमण की गिरफ्तारी के समय कुछ ख्यातिप्राप्त चिकित्सक भी पैरवी कर रहे थे. इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने निर्देश दिया है कि जो चिकित्सक ऐसे झोलाछाप की पैरवी करेगा, या किसी भी तरह के सरकारी कार्य में बाधा डालने की कोशिश करेगा, उसे भी गिरफ्तार किया जायेगा. ऐसे लोगों को छोड़ा नहीं जायेगा.
ऐसी-ऐसी डिग्री कि स्वास्थ्य विभाग चकराया : गिरफ्तारी की जद में आये झोलाछाप ने ऐसी-ऐसी डिग्री टीम को सौंपी है, जिससे स्वास्थ्य विभाग ने भी माथा ठोक लिया है. कोई अल्टरनेट मेडिसिन या डिप्लोमा की बात कह रहा है, तो कोई आयुर्वेद डिप्लोमा की, कोई एमबीबीएस होने की. कुछ झोलाछाप ने ऐसी डिग्री सौंपी है, जिस संस्थान को यूजीसी ने पहले ही जाली घोषित किया है.

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