देशहित में नहीं एफडीआइ : महेंद्र

धनबादः नयी आर्थिक नीति कर्मचारियों के लिए लाभकारी नहीं है. 1991 से बीमा कर्मचारी संघ इसका विरोध कर रहा है. इसे संशोधन कर एफडीआइ बिल लाने की कोशिश की जा रही है. निजी बीमा कंपनियों को 26 से बढ़ाकर 49 प्रतिशत की भागीदारी देने की योजना है. यही नहीं धीरे-धीरे निजी कंपनियों को मालिकाना हक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 19, 2014 5:29 AM

धनबादः नयी आर्थिक नीति कर्मचारियों के लिए लाभकारी नहीं है. 1991 से बीमा कर्मचारी संघ इसका विरोध कर रहा है. इसे संशोधन कर एफडीआइ बिल लाने की कोशिश की जा रही है. निजी बीमा कंपनियों को 26 से बढ़ाकर 49 प्रतिशत की भागीदारी देने की योजना है. यही नहीं धीरे-धीरे निजी कंपनियों को मालिकाना हक देना चाहती है. देश हित में नहीं है एफडीआइ. बीमा कर्मचारी संघ इसके विरोध में आंदोलनरत है.

नयी सरकार बहुमत में आयी है. अगर नयी सरकार भी इसकी पहल करती है तो बीमा कर्मचारी संघ इसका जोरदार विरोध करेगा और सड़क से लेकर संसद तक आंदोलन करेगा. ये बातें बीमा कर्मचारी संघ हजारीबाग मंडल के महामंत्री महेंद्र किशोर प्रसाद ने कही. वह धनबाद शाखा एक परिसर में आयोजित बीमा कर्मचारी संघ हजारीबाग की बेस इकाई धनबाद-1, 2,3 व चार, वेतन बचत योजना एवं गोविंदपुर शाखा के संयुक्त वार्षिक अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे.

अधिवेशन को संघ के अध्यक्ष एलएन गुप्ता, संयुक्त सचिव सुमित सिन्हा, हेमंत मिश्र ने संबोधित किया. इस मौके पर देश एवं विदेश के आर्थिक, राजनैतिक एवं सामाजिक मुद्दों पर चर्चा के साथ भारतीय जीवन बीमा निगम एवं साधारण बीमा निगम से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गयी. सफल बनाने में नीरज कुमार, सिद्धेश्वर मोदी, आलोक पाठक, पष्टी मंडल, विजय विश्वकर्मा, वीरेंद्र वराह, अमरजीत राजवंशी, धनेश प्रसाद. तुलसी महतो, सोमनाथ दास, अलगू प्रसाद व अलय मुखर्जी का अहम योगदान रहा.

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