होल्डिंग टैक्स तिगुना करने को मंजूरी

धनबाद: निर्माण पर लिये जानेवाले होल्डिंग टैक्स में वृद्धि के प्रस्ताव को नगर निगम स्टैंडिंग कमेटी ने सोमवार को स्वीकृति दे दी. इसके अलावा शहरी जलापूर्ति व्यवस्था के लिए जल परिषद् के गठन को भी मंजूरी दी गयी. अब नगर निगम में पीएचइडी का विलय का मार्ग प्रशस्त हो गया. बीएसयूपी के द्वारा पूर्व के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 20, 2014 10:00 AM

धनबाद: निर्माण पर लिये जानेवाले होल्डिंग टैक्स में वृद्धि के प्रस्ताव को नगर निगम स्टैंडिंग कमेटी ने सोमवार को स्वीकृति दे दी. इसके अलावा शहरी जलापूर्ति व्यवस्था के लिए जल परिषद् के गठन को भी मंजूरी दी गयी.

अब नगर निगम में पीएचइडी का विलय का मार्ग प्रशस्त हो गया. बीएसयूपी के द्वारा पूर्व के स्वीकृत 3600 यूनिट को राजीव आवास योजना के तहत संशोधित करा कर भारत सरकार से स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजने को स्वीकृति दी गयी. इसके अलावा कई मुद्दों पर भी चर्चा की गयी. 26 मई को प्रस्तावित बोर्ड की बैठक में पारित होने के बाद इसे लागू किया जायेगा. स्टैंडिंग कमेटी की अध्यक्षता डिप्टी मेयर नीरज सिंह ने की. बैठक में नगर आयुक्त बीपीएल दास, डिप्टी नगर आयुक्त सिद्धार्थ शंकर चौधरी, पार्षद मदन महतो आदि उपस्थित थे.

क्या है कर वसूली नियमावली 2013 : राज्य सरकार ने होल्डिंग टैक्स का वार्षिक किराया मूल्य निर्धारण एवं कर वसूली नियमावली 2013 को मंजूरी प्रदान कर होल्डिंग टैक्स में करीब तीन प्रतिशत का इजाफा कर दिया है. नियमावली के तहत सभी नगर निकायों को प्रत्येक पांच वर्ष के बाद कर पुनरीक्षण की शक्ति दी गयी है. नियमावली में शहरों में किये जानेवाले सभी तरह के निर्माण के लिए टैक्स राशि तय कर दी गयी है.

निर्माण से सड़क की दूरी के अनुसार लगेगा टैक्स : नियमावली के मुताबिक, निर्माण से सड़क की दूरी के आधार पर टैक्स का निर्धारण किया जायेगा. सड़कों को तीन प्रकार से बांटा गया है. प्रधान मुख्य सड़क (40 फीट या उससे अधिक चौड़ाई वाली सड़क), मुख्य सड़क (20 फीट से 40 फीट सड़क) और दोनों सड़कों से अन्य पर किये गये निर्माण, होल्डिंग के उपयोग के आधार पर भी टैक्स की राशि अलग- अलग निर्धारित की जायेगी. सड़कों के निर्माण का निर्धारण बाद में किया जायेगा, पूर्णत: आवासीय, पूर्णत: वाणिज्य, पूर्णत: औद्योगिक, और तीनों से भिन्न प्रकार के उपयोग के आधार पर होल्डिंग टैक्स का निर्धारण किया जायेगा. इसके अलावा आरसीसी छत, एसबेस्टर्स और दोनों के अलावा अन्य तरह के भवनों पर भी कर की राशि अलग-अलग होगी.

बेडरूम और बाथरूम का अलग-अलग होगा टैक्स : नियमावली में स्नान घर, शौचालय, बरसात और सीढ़ीवाले क्षेत्र फर्श क्षेत्रफल पर लगने वाला टैक्स और कमरों के क्षेत्रफल पर लगनेवाला टैक्स अलग-अलग होंगे. छज्जा, गलियारा, रसोई घर और भंडार की भीतरी लंबाई-चौड़ाई की पचास फीसदी माप और गैराज की भीतरी लंबाई-चौड़ाई की एक चौथाई माप पर टैक्स निर्धारित किया जायेगा.

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