गला तर करने को कम पड़ीं बोतलें
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वाहनों से बोतलें उतारते ही टूट पड़ रहे थे लोग
धनबाद : बलियापुर हवाई पट्टी स्थित कार्यक्रम स्थल पर जाने के लिए 15 जगहों पर पार्किंग की व्यवस्था प्रशासन ने की थी. समय दोपहर लगभग 12.39 बज रहा था. कृषि विज्ञान केंद्र के पास पार्किंग एक व दो में कार्यकर्ता प्यास से बेहाल हो रहे थे. जब नेताओं की ओर से उन्हें पानी की बोतलें दी जाने लगीं, तो मारामारी शुरू हो गयी. लोग पानी की बोतल लेकर आये 407 वाहन पर चढ़ कर पानी के बॉक्स लूटने लगे. इससे भगदड़ की स्थिति बनी रही. शांत कराने के लिए पुलिस बल पहुंचा, लेकिन लोग किसी की एक नहीं सुन रहे थे.
पाउच के लिए भी मारामारी : जिला प्रशासन की ओर से पानी की पाउच की व्यवस्था भी की गयी थी. लेकिन सही तरीके से वितरण नहीं हो रहा था. अगर कोई आठ-दस पानी का पाउच लेकर आगे की ओर बढ़ता था तो लोग झपट पड़ते थे. कई बार तो मारपीट जैसी नौबत आ गयी. पुलिस को कई बार लाठी भी भांजनी पड़ी.
प्यासे लोग निकलने लगे पंडाल से : पानी की अपर्याप्त व्यवस्था के कारण अपराह्न चार बजे के बाद लोगों का धैर्य टूटने लगे. गला सूखने के बाद कई लोग सभा स्थल से बगैर पीएम मोदी को सुने ही लोटने लगे. कई लोग जाते वक्त भीड़ नहीं हो, इसके लिए भी निकलने लगे, लेकिन अचानक से हजारों लोगों के सड़क पर आने से अव्यवस्था उत्पन्न हो गयी. कोडरमा, गिरिडीह, देवघर, जामताड़ा से भी काफी संख्या में महिलाएं आयी थीं, सभी लोग अपनी-अपनी बसों की ओर जाने लगी. इनकी बसें यहां से ढाई किमी दूर कृषि विकास केंद्र के पास लगायी गयी थी.
…और एनजीओ के छूटे पसीने : जल छाजन के तहत कार्य कर रही पेटसी संस्था ने पानी के जार की व्यवस्था की थी. संस्था ने लोगों को पानी पिलाने के लिए 150 जार मंगवाये थे. हालांकि लोगों की भीड़ के आगे पानी के जार कम पड़ गये. कुछ ही देर में पानी खत्म हो गया. भीड़ देख संस्था के सदस्यों ने भी हाथ पीछे खड़े कर दिये.