बीसीसीएल में 50 हजार कर्मी करते हैं 42 मिलियन टन उत्पादन एनसीएल में 13 हजार कर्मी ही 100 मिलियन टन उत्पादन करते हैं

धनबाद : कोल इंडिया के चेयरमैन अनिल कुमार झा ने कहा है कि बीसीसीएल की कोलियरियों में काफी कम उत्पादन होता है. यहां उत्पादन और कामगार का अनुपात काफी खराब है. बीसीसीएल में 50 हजार कर्मचारी मिलकर 42 मिलियन टन उत्पादन करते हैं. जबकि एनसीएल में 13 हजार कर्मी ही 100 मिलियन का उत्पादन करते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 20, 2018 7:01 AM
धनबाद : कोल इंडिया के चेयरमैन अनिल कुमार झा ने कहा है कि बीसीसीएल की कोलियरियों में काफी कम उत्पादन होता है. यहां उत्पादन और कामगार का अनुपात काफी खराब है. बीसीसीएल में 50 हजार कर्मचारी मिलकर 42 मिलियन टन उत्पादन करते हैं. जबकि एनसीएल में 13 हजार कर्मी ही 100 मिलियन का उत्पादन करते हैं. इसके अलावा यहां आग के साथ कई तरह की सामाजिक समस्याएं भी हैं. लेकिन इन प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच कंपनी ने बीते वित्तीय वर्ष में उत्पादन में रिकार्ड 30 फीसदी की वृद्धि की है.
कंपनी ने वर्ष 2016-17 में 32 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया था. 2017-18 में यह बढ़कर 42 मिलियन टन हो गया. यह एक रिकार्ड वृद्धि है. उम्मीद है कि जल्द ही बीसीसीएल 100 मिलियन टन क्लब में पहुंचने में कामयाब रहेगा. कोल इंडिया चेयरमैन आइआइटी आइएसएम के दीक्षांत समारोह में आये थे. इस दौरान मंगलवार को उन्होंने मीडिया से बातचीत की.
अभी जारी रहेगी पूर्व की अनुकंपा नीति
कोल इंडिया की अनुकंपा नीति पर जारी विवाद का पटाक्षेप करते हुए सीआइएल चेयरमैन ने कहा कि 10वें जेबीसीसीअाइ के तहत अनुकंपा नीति की रिव्यू करने लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. अभी उस कमेटी की रिपोर्ट आनी बाकी है. ऐसे में पुरानी व्यवस्था अभी जारी रहेगी. एक बार कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद इसकी समीक्षा की जायेगी. कोल इंडिया के अधिकारियों को सीपीएसयू में एक समान वेतन के लिए इंतजार करना पड़ेगा. मामला अभी सरकार के पास लंबित है. हालांकि कंपनी की बोर्ड ने इसके लिए सहमति दे दी है.
सीएमपीएफ से वापस लेंगे 100 करोड़
चेयरमैन ने कहा कि सीएमपीएफ को दिये गये 100 करोड़ रुपये वापस लिये जायेंगे. यह पैसे तात्कालिक सहायता के लिए सीएमपीएफ को दिए गये हैं. दरअसल पेंशन समझौता अक्तूबर 2017 से लागू किया गया है. अभी तक कर्मियों के वेतन से पेंशन मद के लिए 4.9 की राशि ही काटी जाती थी. अब सात फीसदी राशि काटनी है. लेकिन इन आठ महीनों में कम कटे पैसे के कारण सीएमपीएफ के पास फंड की कमी हो गयी थी. इस आर्थिक संकट से बचाने के लिए तत्काल सहायता दी गयी थी. उन पैसों को जल्द ही रिकवर कर लिया जायेगा.

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