नाम वही, बोगियां भी उतनी ही रूट बदला तो बिदक गये यात्री
11 बोगियों में 50 यात्री भी नहीं कर रहे सफर पहले पैर रखने की भी नहीं मिलती थी जगह धनबाद : धनबाद-रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस की अब की हालत और 15 जून 2017 से पहले की हालत में काफी बदलाव हुआ है. सुबह-सुबह उसमें चढ़ने के लिए हुजूम लगता था. सीट पाने के लिए मारामारी होती […]
11 बोगियों में 50 यात्री भी नहीं कर रहे सफर
पहले पैर रखने की भी नहीं मिलती थी जगह
धनबाद : धनबाद-रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस की अब की हालत और 15 जून 2017 से पहले की हालत में काफी बदलाव हुआ है. सुबह-सुबह उसमें चढ़ने के लिए हुजूम लगता था. सीट पाने के लिए मारामारी होती थी. सभी 11 बोगियों की कुल 990 सीटें रांची जाते-जाते भर जाया करती थीं. बिना सीटों के भी एक हजार से अधिक लोग सफर करते थे. लेकिन दिन लद गये. वही ट्रेन, बोगियों की संख्या भी वही. लेकिन अभी वह ट्रेन फांकाकशी की जिंदगी जी रही है. यह हुआ डीसी
रेल लाइन के बंद होने के कारण. इसके रूट बदल दिये गये. अब यह आसनसोल, जयचंद पहाड़ से घुम कर रांची जाती है. इसके बाद यात्रियों की संख्या में कमी आयी. हर दिन औसतन 50 से कम यात्री उक्त ट्रेन में सफर करते हैं. बोगियों के अनुसार कहें तो हर बोगी पांच से भी कम यात्री यात्रा करते हैं.
साढ़े चार घंटे का सफर सात घंटे में
धनबाद-रांची-धनबाद इंटरसिटी (13303-04) धनबाद स्टेशन से रांची जाने में लगभग सात घंटे का समय लेता है. यह ट्रेन धनबाद से आसनसोल, जयचंद पहाड़, भोजूडीह, महुदा, चंद्रपुरा, बोकारो सिटी, झालदा, मुरी होते हुए रांची लगभग सात घंटे में पहुंचती है और इस रास्ते यह ट्रेन 295 किलो मीटर की दूरी तय करती है, जबकि पहले यह कतरास होते हुए जाती थी. धनबाद-रांची इंटरसिटी धनबाद से मंगलवार, बुधवार, शुक्रवार व रविवार को अभी चलती है, जबकि वापसी में यह ट्रेन रांची से रवि, सोम, बुध व शुक्रवार को चलती है.
इस ट्रेन को चलाने का कोई मतलब नहीं
धनबाद के यात्री कहते हैं कि इस ट्रेन को चलाने का कोई मतलब नहीं है. कई बार तो इस पूरी ट्रेन में एक दर्जन यात्री भी नहीं मिलते हैं, जबकि यदि इसका रूट फिर से पुराने रूट गोमो, चंद्रपुरा होते हुए रांची ले जाया जाये तो इस ट्रेन में यात्री को बैठने के लिए सीट नहीं मिलेगी और रेलवे को मुनाफा भी होगा. यदि इस ट्रेन को इसी तरह से चलाना ही है तो इसे बंद कर और इसके स्थान पर जयनगर के लिए ट्रेन चलायें.
इस ट्रेन में यात्रियों की संख्या बहुत कम है. यात्रियों की सुविधा के लिए यह चलायी जा रही है. जहां तक जयनगर के लिए ट्रेन चलाने की बात है तो मुख्यालय प्रस्ताव भेजा गया है. अनुमति मिलने के बाद जयनगर की ट्रेन चल सकती है.
पीके मिश्रा, पीआरओ धनबाद रेल मंडल