झारखंड में हर साल डेढ़ लाख कन्या भ्रूण हत्या

चिकित्सक अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझें, अल्ट्रासाउंड क्लिनिक का दुरुपयोग न होने दें : हुसैन पीसीपीएनडीटी एक्ट पर कार्यशाला, एक्ट के सख्ती से पालन पर जोर धनबाद : सिविल सर्जन कार्यालय में शुक्रवार को पीसीपीएनडीटी एक्ट पर कार्यशाला हुई. कार्यशाला में सिविल सर्जन, एसीएमओ एवं राज्य ट्रेनर अरशद हुसैन उपस्थित थे. सिविल सर्जन आशा एक्का ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 7, 2018 4:47 AM

चिकित्सक अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझें, अल्ट्रासाउंड क्लिनिक का दुरुपयोग न होने दें : हुसैन

पीसीपीएनडीटी एक्ट पर कार्यशाला, एक्ट के सख्ती से पालन पर जोर
धनबाद : सिविल सर्जन कार्यालय में शुक्रवार को पीसीपीएनडीटी एक्ट पर कार्यशाला हुई. कार्यशाला में सिविल सर्जन, एसीएमओ एवं राज्य ट्रेनर अरशद हुसैन उपस्थित थे. सिविल सर्जन आशा एक्का ने अतिथियों का स्वागत व एक्ट पर चर्चा की. एसीएमओ चंद्राम्बिका श्रीवास्तव ने कहा कि धनबाद का लिंगानुपात झारखंड में सबसे कम है, इसमें सुधार की आवश्यकता है. लिंगानुपात को सुधारने के लिए पीसीपीएनडीटी एक्ट का सख्ती से पालन करना आवश्यक है. अरशद हुसैन ने कहा कि झारखंड में प्रतिवर्ष डेढ़ लाख कन्या भ्रूण हत्या होती है. यह बहुत ही दुखद स्थिति है. इसके लिए आवश्यक है कि चिकित्सक अपनी नैतिक जिम्मेदारियों को समझें और अल्ट्रासाउंड क्लिनिक का दुरुपयोग न होने दें. कार्यशाला में अन्य प्रतिभागियों ने अपने विचार रखे तथा पीसीपीएनडीटी एक्ट का सख्ती से पालन करने पर बल दिया गया.
कार्यशाला में कार्यपालक निदेशक चिकित्सा सेवाएं बीसीसीएल, मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी पूर्व मध्य रेलवे अस्पताल, अधीक्षक पीएमसीएच, मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी टाटा केंद्रीय अस्पताल जामाडोबा, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ईएसआई अस्पताल मैथन, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक बीपी नियोगी अस्पताल डीवीसी मैथन, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, जिला आरसीएच पदाधिकारी, उपाधीक्षक एसएसएलएनटी अस्पताल, जिला मलेरिया पदाधिकारी, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी तथा सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उपस्थित थे.

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