पार्षदों का एक गुट करेगा आज से आमरण अनशन

निगम की कार्यशैली से नाराज, मेयर व नगर आयुक्त से वार्ता विफल धनबाद : नगर निगम की कार्यशैली से असंतुष्ट पार्षदों का एक गुट शुक्रवार से आमरण अनशन करेगा. निगम के मुख्य द्वार पर आमरण अनशन शुरू होगा. गुरुवार को मेयर व नगर आयुक्त ने पार्षदों के साथ वार्ता की. लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम सामने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 20, 2018 5:49 AM
निगम की कार्यशैली से नाराज, मेयर व नगर आयुक्त से वार्ता विफल
धनबाद : नगर निगम की कार्यशैली से असंतुष्ट पार्षदों का एक गुट शुक्रवार से आमरण अनशन करेगा. निगम के मुख्य द्वार पर आमरण अनशन शुरू होगा. गुरुवार को मेयर व नगर आयुक्त ने पार्षदों के साथ वार्ता की. लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया. वार्ता में पार्षद जय कुमार, देवाशीष पासवान, महावीर पासी, विनय कुमार रजवार, नंद दुलाल सेनगुप्ता शामिल थे.
वार्ता के दौरान उठे सवाल
पार्षद की अनुशंसा पर टैंकर का पानी नि:शुल्क क्यों नहीं दिया जाता, मेयर ने कहा कि एक्ट में कहां लिखा है कि पार्षद की अनुशंसा पर नि:शुल्क टैंकर का पानी दिया जाये. वार्ता के दौरान 14 वें वित्त आयोग के फंड को सभी वार्ड में बराबर-बराबर बांटने का मामला उठा. इस पर मेयर ने कहा कि नगर विकास विभाग से ऐसा कोई डायरेक्शन नहीं आया है और न ही एक्ट में इस तरह का प्रावधान है. एटीआर व डीएमएफटी फंड पर चर्चा की गयी.
मेयर ने पूछा कि बोर्ड में सी गयी किस योजना पर काम नहीं हुआ. इस पर पार्षद देवाशीष पासवान ने एटीआर की पूरी लिस्ट दिखाते हुए कहा कि साठ प्रतिशत योजना पर काम शुरू नहीं हुआ. डीएमएफटी फंड पर मेयर ने कहा कि यह जिला का फंड है. इस संबंध में जो भी बातें करनी है उपायुक्त महोदय से करें. कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आने पर पार्षद बीच में ही उठ कर चले गये.
क्या कहते हैं पार्षद
मेयर अभिभावक हैं, लेकिन वे अपना रोल निभा नहीं रहे हैं. भेद-भाव कर रहे हैं. जनता को काम चाहिए और पार्षद को विकास. तीन साल बीत गये लेकिन क्षेत्र में आज भी सड़कें जर्जर व नाली नहीं है. जब तक मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं होगी, आमरण अनशन जारी रहेगा.
जय कुमार, पार्षद
निगम में कमीशनखोरी चरम पर है. निगम, वन मैन शो बनकर रह गया है. सरकार फंड देती है लेकिन यहां फंड देने में भेद भाव किया जाता है. चेहरा देखकर पार्षदों के वार्ड में विकास कराया जाता है. लिहाजा आमरण अनशन का फैसला लिया गया.
देवाशीष पासवान, पार्षद
यह संवैधानिक अधिकार
एक साथ सभी वार्ड में विकास संभव नहीं है. धीरे-धीरे सभी वार्ड का विकास किया जा रहा है. रोड व नाली के लिए 11 सौ करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है. इस राशि से और 29 वार्डों में विकास का कार्य किया जायेगा. रही बात अामरण अनशन की तो यह सबका का संवैधानिक अधिकार है.
चंद्रशेखर अग्रवाल, मेयर

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