निगम की 35 एकड़ जमीन पर भू-माफियाओं का कब्जा
धनबाद : नगर निगम प्रत्येक वार्ड में लाइब्रेरी, वार्ड ऑफिस, वेंडिंग जोन, अरबन हाट व अन्य योजनाओं के लिए जमीन तलाश कर रहा है. जबकि निगम की अपनी 35 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा है. निगम कर्मी व जमीन माफिया की सांठगांठ से अस्सी के दशक में निगम की कई एकड़ जमीन बेच दी गयी. […]
धनबाद : नगर निगम प्रत्येक वार्ड में लाइब्रेरी, वार्ड ऑफिस, वेंडिंग जोन, अरबन हाट व अन्य योजनाओं के लिए जमीन तलाश कर रहा है. जबकि निगम की अपनी 35 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा है. निगम कर्मी व जमीन माफिया की सांठगांठ से अस्सी के दशक में निगम की कई एकड़ जमीन बेच दी गयी. ऐसी बात नहीं कि निगम के आला अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है.
खानापूर्ति के नाम पर सिर्फ नोटिस-नोटिस का खेल चलता है. वर्ष 2012 में तत्कालीन नगर आयुक्त अवधेश पांडेय के समय ट्रेचिंग ग्राउंड में रह रहे 35 लोगों को नोटिस किया गया लेकिन फिर मामला ठंडे बस्ते में चला गया. निगम की कुछ जमीन पर आवास-अपार्टमेंट भी बन गये हैं. कुछ जमीन को आज भी भू-माफियाओं ने अपने कब्जा में रखा है.
इस संबंध में पार्षद निर्मल मुखर्जी का कहना है कि निगमकर्मियों की मिलीभगत से कागजात गायब कर दिये गये. निगम के पास जमीन का खतियान व निबंधित डीड व दानपत्र नहीं है. निगम को अंचलाधिकारी, भू-अर्जन से कागजात मांगना होगा. तभी जमीन से अवैध कब्जा हटाया जा सकेगा.
चीरागोड़ा ट्रेचिंग ग्राउंड में निगम की 15 एकड़ जमीन
चीरागोड़ा ट्रेचिंग ग्राउंड में निगम की 15 एकड़ जमीन है. यहां की लगभग जमीन भू-माफियों ने बेच दी है. यही नहीं, कई लोगों ने निगम से होल्डिंग नंबर भी जेनेरेट कर लिया है. जबकि अंचलाधिकारी ने ट्रेचिंग ग्राउंड में रहनेवाले 35 हाउस होल्डर को होल्डिंग नहीं करने की अपील की थी. वर्ष 1985 से वर्ष 2014 तक 35 हाउस होल्डर का होल्डिंग नहीं किया गया. लेकिन 2015 में आउटसोर्स कंपनी ने उपरोक्त 35 हाउस होल्डर का भी होल्डिंग कर दिया है.
पार्क मार्केट में है निगम की 4.82 एकड़ जमीन
पार्क मार्केट में निगम की 4.82 एकड़ जमीन है. पार्क मार्केट से निगम को सालाना लाखों का राजस्व आ रहा है. कुछ मामले हाईकोर्ट में लंबित हैं.