ऑपरेशन के दौरान ही हो गयी मरीज की मौत, फिर भी सात घंटे वेंटिलेटर पर रखा

ऑपरेशन थियेटर में ही आया काॅर्डियक अरेस्ट धनबाद : पीएमसीएच के हड्डी रोग विभाग में ऑपरेशन कराने आये गिरिडीह के कृष्णा पासी (45) की मौैत शनिवार को हो गयी. हंगामे के भय से चिकित्सकों ने मरीज को सर्जिकल आइसीयू में वेंटिलेटर पर रख दिया. चर्चा है कि एनेस्थेसिया के ओवरडोज से ऑपरेशन टेबल पर ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2018 4:47 AM

ऑपरेशन थियेटर में ही आया काॅर्डियक अरेस्ट

धनबाद : पीएमसीएच के हड्डी रोग विभाग में ऑपरेशन कराने आये गिरिडीह के कृष्णा पासी (45) की मौैत शनिवार को हो गयी. हंगामे के भय से चिकित्सकों ने मरीज को सर्जिकल आइसीयू में वेंटिलेटर पर रख दिया. चर्चा है कि एनेस्थेसिया के ओवरडोज से ऑपरेशन टेबल पर ही मरीज को काॅर्डियक अरेस्ट आ गया था. लेकिन मामले को दूसरा रूप देने के लिए शव को सात घंटे तक वेंटिलेटर पर रखा गया. रात दस बजे उसकी मौत की घोषणा की गयी. ऑपरेशन करने वालों में हड्डी रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ डीपी भूषण, एनेस्थेसिया विभागाध्यक्ष डॉ के विश्वास, एनेस्थेटिक्स डॉ यूएन वर्मा सहित कई चिकित्सक थे. सर्जिकल आइसीयू में रखे कृष्णा के पास उसकी पत्नी पुष्पा बार-बार पति की हालत पर रोती रही. पत्नी को भी पता चल गया कि पति दुनिया में अब नहीं है.
ओटी में रहा चार घंटे, गंभीर होने पर बुलाया दूसरे डॉक्टर को : सुबह दस बजे ऑपरेशन के लिए कृष्णा को ओटी में लाया गया था. लगभग 11 बजे कंधे का ऑपरेशन किया गया. 40-45 मिनट में ऑपरेशन पूरा कर दिया गया. लेकिन कृष्णा को होश नहीं आया. बीपी फॉल होने लगा. इसके बाद दूसरे एनेस्थेटिक्स को बुलाया गया. डॉ के विश्वास भी तब पहुंचे. सभी मिल कर मरीज को रिकवर में लग लगे. इसमें लगभग चार घंटे लग गये. आगे का ऑपरेशन रोक दिया गया. अपराह्न लगभग तीन बजे मरीज को ओटी से निकाल कर सीधे सर्जिकल आइसीयू में शिफ्ट दिया.
रिक्शा से गिरकर हो गया था घायल
कृष्णा रिक्शा चलाकर भरण-पोषण करता था. एक अगस्त को वह अपनी रिक्शा से गिर कर घायल हो गया था. इससे उसका दाहिना कंधा टूट गया था. इसके बाद इलाज के लिए वह पीएमसीएच आया. 11 अगस्त को ऑपरेशन की तारीख मिली थी. लगभग तीन हजार रुपये का उसने इलाज के लिए सामान खरीदा था.
पत्नी से कहा था ठीक होकर आयेंगे
पत्नी पुष्पा ने बताया कि ऑपरेशन से पहले पति ठीक थे. हंसकर बातचीत भी की थी. कहा कि ऑपरेशन के बाद ठीक हो जायेंगे. कोई तकलीफ नहीं होगी. ऑपरेशन के बाद चिकित्सक लगातार झूठ बोलते रहे. गंभीर होने की बात किसी को नहीं बताया गया. कृष्णा की छह संतानों में पांच बेटी हैं. पत्नी बार-बार इमरजेंसी के बाहर रोती रही.
आॅपरेशन के दौरान मरीज को काॅर्डियक आरेस्ट आ गया था. उसे बचाने के लिए अन्य चिकित्सकों को भी बुलाया गया. इसके बाद उसे वेंटिलेटर पर सर्जिकल आइसीयू में रख दिया गया. लापरवाही की बात बेबुनियाद है.
डॉ डीपी भूषण, एचओडी, हड्डी रोग विभाग

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