धनबाद: पीएमसीएच का सबसे महत्वपूर्ण स्त्री व प्रसूति रोग विभाग में एक भी प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर नहीं है. विभाग के पास मात्र तीन असिस्टेंट प्रोफेसर हैं जो मेडिकल स्टूडेंट्स को पढ़ा रहे हैं.
अस्पताल के लिए तीन सीनियर रेजिटेंड हैं. छात्रों की तुलना में शिक्षकों की काफी कमी है. विभाग का अपना सेपरेट सेमिनार रूम भी नहीं है. कई जरूरतमंद उपकरणों का अभाव है. हालांकि हाल में लेबर रूम के लिए टेबल सहित कुछ उपकरण खरीदे गये हैं. विभाग के पास मेटरनिटी चाइल्ड हेल्थ ऑफिसर, एंटेनेटल मेडिकल ऑफिसर, एलटी भी नहीं हैं.
कई महत्वपूर्ण सेवा नहीं : अस्पताल में चिकित्सकों व मैन पावर की कमी से कई महत्वपूर्ण सेवा शुरू नहीं करायी जा सकी है. हाल ही में पीजी की पढ़ाई के लिए एमसीआइ की टीम ने अस्पताल का दौरा किया था, इसमें पाया गया कि एमटीपी क्लिनिक, फैमिली प्लानिंग क्लिनिक आदि का अभाव है. लेबर रूम में जो यूएसजी मशीन लगायी गयी है वह पीसी-पीएनडीटी से रजिस्टर्ड नहीं है. इसके साथ पेंट्री रूम, एक्जामिनेशन रूम, वार्ड साइड लैब का अभाव है.
अस्पताल में जेएसवाइ के तहत प्रसव : पीएमसीएच में प्रसव जननी सुरक्षा योजना के तहत किये जाते हैं. इसके तहत सरकार प्रसव से लेकर प्रसव के बाद तक जच्च-बच्च की देखभाल की पूरी गारंटी लेती है. माताओं को दवाएं इसी योजना के तहत उपलब्ध करायी जाती है. इसके लिए प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये सरकार पीएमसीएच को देती है. हाल ही में पीएमसीएच में जांच के लिए रांची की टीम आयी थी. टीम के सदस्यों ने देखा था कि गायनी के मरीज को बाहर से दवाएं लेनी पड़ती है.