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416 आउटसोर्सिंगकर्मी गये हड़ताल पर, मरीज परेशान

धनबाद : पीएमसीएच के 416 आउटसोर्सिंग कर्मी वेतन सहित अन्य मांगों को लेकर सोमवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. इसके साथ ही पीएमसीएच की व्यवस्था चरमरा गयी है. इमरजेंसी से लेकर इंडोर वार्ड तक मरीज परेशान हैं. स्थिति को देखते हुए अस्पताल अधीक्षक डाॅ तुनुल हेंब्रम व एजेंसी के पदाधिकारियों ने हड़ताली कर्मियों से […]

धनबाद : पीएमसीएच के 416 आउटसोर्सिंग कर्मी वेतन सहित अन्य मांगों को लेकर सोमवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. इसके साथ ही पीएमसीएच की व्यवस्था चरमरा गयी है. इमरजेंसी से लेकर इंडोर वार्ड तक मरीज परेशान हैं. स्थिति को देखते हुए अस्पताल अधीक्षक डाॅ तुनुल हेंब्रम व एजेंसी के पदाधिकारियों ने हड़ताली कर्मियों से दो दौरे में वार्ता की कोशिश की, लेकिन नर्सों व कर्मियों के रुख को देखते हुए अधीक्षक व एजेंसी (जमशेदपुर) को पीछे हटना पड़ा.
इससे पहले सुबह आठ बजे आउटसोर्सिंग के तहत कार्यरत नर्सों, कक्ष सेवक व सेविकाओं, पारा मेडिकल कर्मियों आदि ने स्त्री व प्रसूति रोग विभाग के मुख्य गेट के पास जाम लगा दिया. कर्मियों ने एजेंसी व प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की. सुबह से लेकर शाम पांच बजे तक कर्मी गेट पर बैठे रहे. मंगलवार को भी हड़ताल जारी रहेगी.
कहां कितने आउटसोर्सिंगकर्मी : पीएमसीएच में श्री राम इंटरप्राइजेज व एडवांस कंपनी के अधीन 416 आउटसोर्सिंग कर्मी विगत तीन वर्षों से कार्यरत हैं. इनमें 157 नर्स, 125 कक्ष सेवक व सेविका, 110 पारा मेडिकल कर्मी (इसमें लैब असिस्टेंट, ओटी असिस्टेंट, एनेस्थेसिया असिस्टेंट, आइ असिस्टेट, ऑर्थो असिस्टेंट, सर्जरी असिस्टेंट) सहित 22 पदों पर कुक, चालक, माली आदि हैं. कर्मी इमरजेंसी से लेकर इंडोर वार्ड में सभी जगह सेवा देते हैं.
मांगे 85 नर्स, मिले केवल 12
पीएमसीएच में हड़ताल को देखते हुए अधीक्षक डाॅ हेंब्रम ने सिविल सर्जन डॉ चंद्रांबिका श्रीवास्तव से 85 नर्स व अन्य मेडिकल कर्मी की मांग की. हालांकि सिविल सर्जन कार्यालय से एक दर्जन नर्स को ही भेजा गया. कई एएनएम प्रशिक्षुओं को भी लगाया गया है. मांग के अनुरूप नर्स देने पर सीएस भी हाथ खड़े कर रही हैं.
40 मिनट समझाते रहे अधीक्षक, नहीं माने हड़ताली
हड़ताल के बाद लगभग दो बजे नर्सें काफी संख्या में स्त्री व प्रसूति रोग विभाग के गेट के पास जमी थीं. अधीक्षक ने एक प्रतिनिधिमंडल को बुलाने की बात कही, लेकिन कोई भी बंद कमरे में बातचीत के लिए तैयार नहीं हुआ. लिहाजा अधीक्षक डॉ हेंब्रम व एजेंसी के उमाशंकर को हड़तालियों के पास आना पड़ा. यहां लगभग 40 मिनट तक अधीक्षक ने नर्सों व कर्मियों को समझाने की कोशिश की. लेकिन नर्स नहीं मानी और अपनी मांग पर अड़ी रहीं. नर्सों ने कंपनी से तत्काल लिखित देने की मांग की.

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